समीर वानखेड़े ने नशा और ड्रग्स को बताया देश का सबसे बड़ा मुद्दा, बोले-पंचशील के सिद्धांत आज भी प्रासंगिक
मुंबई, 6 दिसंबर (आईएएनएस)। डॉ. बाबासाहेब अंबेडकर के महापरिनिर्वाण दिवस पर शनिवार को अभिनेत्री क्रांति रेडकर और उनके पति आईआरएस अधिकारी समीर वानखेड़े उन्हें श्रद्धांजलि देने के लिए चैत्यभूमि पहुंचे। बाहर निकलने के बाद दोनों ने आईएएनएस से बातचीत की।

मुंबई, 6 दिसंबर (आईएएनएस)। डॉ. बाबासाहेब अंबेडकर के महापरिनिर्वाण दिवस पर शनिवार को अभिनेत्री क्रांति रेडकर और उनके पति आईआरएस अधिकारी समीर वानखेड़े उन्हें श्रद्धांजलि देने के लिए चैत्यभूमि पहुंचे। बाहर निकलने के बाद दोनों ने आईएएनएस से बातचीत की।
समीर वानखेड़े ने कहा, "आज महापरिनिर्वाण पर मैं और मेरा परिवार बाबासाहेब को कोटि कोटि अभिवादन करने आए हैं। बाबासाहेब ने कहा था। सबसे पहले ये कि दुख से मुक्ति चाहिए तो लड़ना पड़ेगा और लड़ाई तभी जीती जा सकती है, जब आप शिक्षित हों। बिना ज्ञान के मैदान में उतरोगे तो हार निश्चित है।"
उन्होंने कहा, "डॉ. अंबेडकर ने हमें त्रिशरण और पंचशील दिए हैं। आज देश में सबसे बड़ा मुद्दा नशा और ड्रग्स है। पंचशील के पांचवें नियम में स्पष्ट कहा गया है कि नशे से दूर रहना चाहिए। 1956 में बाबासाहेब ने जो सिद्धांत बताए थे, वे आज भी उतने ही प्रासंगिक हैं। हमारा कर्तव्य है कि इन सिद्धांतों का पालन करें और दूसरों तक पहुंचाएं।"
उन्होंने संविधान पर गर्व जताते हुए कहा, "बाबा साहेब ने हमें जो संविधान दिया, हमें उस पर गर्व है और सरकारी अधिकारी होने के कारण संविधान हमारी सांसों में बसा है।"
अभिनेत्री क्रांति रेडकर ने भी महिलाओं के अधिकारों को लेकर बात की। उन्होंने कहा, "महापरिनिर्वाण दिवस पर मैं यही कहना चाहूंगी कि डॉ. अंबेडकर ने हम महिलाओं को इतने अधिकार दिए, इंसान की तरह जीवन जीने का हक दिया। मैं सभी महिलाओं से कहना चाहती हूं कि अपने हक के लिए लड़ें, पढ़ाई पूरी करें, आर्थिक रूप से मजबूत बनें और अपने पैरों पर खड़ी हों।"
क्रांति ने मुंबई में महिलाओं की सुरक्षा को लेकर कहा, "मैं मुंबई जैसे शहर में रहती हूं और रात 2 बजे भी घर लौटती हूं तो डर नहीं लगता। अब हालात बदल रहे हैं। गांव-शहरों में महिलाएं आत्मनिर्भर बन रही हैं और पुरुष भी उनका साथ दे रहे हैं।"
--आईएएनएस
एनएस/वीसी


