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रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन का दौरा आर्थिक सहयोग को मजबूत करने में होगा मददगार : भारत सरकार के सूत्र

रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन दो दिवसीय आधिकारिक दौरे के लिए भारत पहुंचने वाले हैं। यूक्रेन के साथ युद्ध होने के बाद उनका यह पहला भारत दौरा है। दो देशों के राष्ट्राध्यक्षों के बीच कई समझौते होने की उम्मीद है

रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन का दौरा आर्थिक सहयोग को मजबूत करने में होगा मददगार : भारत सरकार के सूत्र
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पुतिन का दौरा आर्थिक सहयोग मजबूत करने में मददगार होगा : भारत सरकार के सूत्र

नई दिल्ली। रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन दो दिवसीय आधिकारिक दौरे के लिए भारत पहुंचने वाले हैं। यूक्रेन के साथ युद्ध होने के बाद उनका यह पहला भारत दौरा है। दो देशों के राष्ट्राध्यक्षों के बीच कई समझौते होने की उम्मीद है।

भारत सरकार के सूत्र के अनुसार, रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन का यह दौरा आर्थिक सहयोग को मजबूत करने में बहुत मददगार होगा। राष्ट्रपति पुतिन के साथ बिजनेसमैन का एक बड़ा ग्रुप भी भारत आ रहा है। भारत को रूस के साथ व्यापार को बेहतर बनाने की उम्मीद है।

रूस के साथ भारतीय एक्सपोर्ट बढ़ने की भी संभावना है, जिनमें फार्मास्यूटिकल्स, ऑटोमोबाइल, एग्रीकल्चरल प्रोडक्ट्स और मरीन प्रोडक्ट्स शामिल हैं। भारतीय बिजनेस और प्रोडक्ट्स को एक बड़ा बाजार मिलेगा, जिससे रोजगार के मौके भी बढ़ेंगे और हमारे किसानों की भलाई भी होगी।

भारत और रूस के बीच शिपिंग, हेल्थकेयर, फर्टिलाइजर, और कनेक्टिविटी के क्षेत्र में कई समझौते और एमओयू होने की उम्मीद है। साथ ही दोनों देशों के बीच संबंधों, गतिशीलता साझेदारी, संस्कृति, और वैज्ञानिक सहयोग में भी ज्यादा सहयोग देखने को मिलेगा।

बता दें कि रूसी राष्ट्रपति पुतिन के आगमन को लेकर दिल्ली में तैयारी पूरी कर ली गई है। पुतिन का 30 घंटे का ये भारत दौरा बेहद खास माना जा रहा है। उनके लिए सख्त सुरक्षा का इंतजाम किया गया है।

पुतिन इस दौरे पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ 23वीं वार्षिक भारत-रूस द्विपक्षीय समिट में भी शामिल होंगे। पुतिन का यह दौरा 4 दिसंबर की शाम से 5 दिसंबर की देर रात तक चलेगा। पीएम मोदी नई दिल्ली में राष्ट्रपति पुतिन का स्वागत करेंगे। इसके बाद शाम 7 बजे उनके आगमन पर एक प्राइवेट डिनर का भी आयोजन किया जाएगा।

वहीं, पीएम मोदी और पुतिन के बीच 5 दिसंबर को बैठक होगी, जिसमें कई अहम मुद्दों पर चर्चा की जाएगी। 5 दिसंबर को राष्ट्रपति पुतिन को गॉर्ड ऑफ ऑनर से सम्मानित किया जाएगा। फिर वह राजघाट जाकर महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि देंगे। इसके बाद सुबह 11 बजे हैदराबाद में 23वीं वार्षिक भारत-रूस द्विपक्षीय समिट शुरू होगी। इस दौरान दोनों नेताओं के बीच रक्षा, ऊर्जा, व्यापार, तकनीक, स्पेस और रणनीतिक सहयोग के क्षेत्र को लेकर चर्चा होगी। बाद में दोनों पक्षों की तरफ से एक संयुक्त बयान भी जारी किया जाएगा।


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