अल्पसंख्यकों व दलितों-अति पिछड़ों पर बढ़ रहे गौआतंकियों के हमले
अखलाक़ के क़ातिल हों या भूपसिंह और जबर सिंह को मारने वाले गौ आतंकी, महेश शर्मा के संसदीय क्षेत्र के ही हैं

नई दिल्ली, 07 मई। केंद्र में नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार आने के बाद गौरक्षा के नाम पर गुंडागर्दी थमने का नाम नहीं ले रही है और देश भर में गो-आतंकियों का आतंक बढ़ता जा रहा है, जिसके चलते अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भी भारत की बदनामी हो रही है।
ताजा मामला ग्रेटर नोएडा का है, जहां कथित गौरक्षकों ने दो लोगों पर गौ तस्कर समझकर जानलेवा हमला कर दिया। पीड़ित चिल्लाते रहे कि वो गौ तस्कर नहीं हैं, उन्होंने गौरक्षकों से ये भी बताया कि वो हिंदू है, लेकिन गौरक्षकों ने कुछ नहीं सुना। दोनों लोगों की जमकर पिटाई की।
दरअसल पीड़ित जबर सिंह और भूप सिंह नाम के दो व्यक्ति जेवर के सिरसा मांझीपुर के रहने वाले हैं।
पीड़ितों के मुताबिक वे दोनों मेहंदीपुर गांव से गाय खरीदकर घर लौट रहे थे। तभी रास्ते में गौआतंकियों ने गाय तस्कर समझकर पीटना शुरू कर दिया।
आज दिल्ली से सामाजिक-मानवाधिकार कार्यकर्ताओं व पत्रकारों की एक फैक्ट फाइंडिंग टीम ने भूप सिंह और जबरसिंह के गांव का दौरा किया और पीड़ितों से वार्ता कर फेसबुक पर पीड़ितों का बयान लाइव जारी किया। फैक्ट फाइंडिंग टीम में रिहाई मंच के महासचिव राजीव यादव व यामीन खान, एकता विकास मंच के अध्यक्ष सतीश चोपड़ा व प्रवक्ता मोहम्मद नाज़िम और इंसाफ इण्डिया के नेहाल हैदर, सामाजिक कार्यकर्ता फर्राह शाकेब व पत्रकार अमलेन्दु उपाध्याय शामिल थे।
फर्राह शाकेब ने कहा कि
अखलाक़ के क़ातिल हों, या भूपसिंह और जबर सिंह को मारने वाले गौ आतंकी....
भाजपा सांसद महेश शर्मा के संसदीय क्षेत्र के ही हैं
और ये एकमात्र संयोग नहीं है.... !!!”
एकता विकास मंच के सतीश चोपड़ा ने कहा
“भूप सिंह और जबर सिंह गरीब हिन्दू किसानों की एक मुस्लिम भाई ने गाय बछड़े सहित दान देकर गंगा जमुनी तहजीब का परिचय दिया और भाईचारे को बढ़ाया वह बात स्थानीय धर्म के ठेकेदारों को हजम नहीं हुई उन्होंने भूपसिंह और जुबैर को घात लगा कर बुरी तरह से यह इल्जाम लगा कर पीटा कि वो गो हत्या के लिए गाय लेकर जा रहे हैं। खुद को गो रक्षक बताने वाले लोगों ने मानवता और हिन्दू धर्म को अपमानित किया, उन पर स्थानीय बीजेपी नेताओं का आशीर्वाद है, जिसकी वजह से प्रशासन ने दबाव में इन्हीं किसानों पर गो तस्करी का मुकदमा दर्ज करने का प्रयास किया, जिसको किसानों के गांव वालों ने जाकर विफल किया। पीड़ित को कोई मेडिकल सुविधा नहीं दी जा रही है। जबरसिंह की पसलियों मे फ्रैक्चर है। वो पैसों के अभाव में इलाज नहीं करवा पा रहा। अगर इन असामाजिक और बेलगाम हो चुके संगठनों पर लगाम नहीं लगाईं गई और इन्हें यूँ ही सरकारी संरक्षण मिलता रहा तो यह घटनायें कभी नहीं रुकेंगी।
रिहाई मंच महासचिव राजीव यादव ने जबरसिंह के घर से ही जिलाधिकारी गौतमबुद्धनगर से फोन पर वार्ता कर पीड़ितों की हालत बताई और उनके समुचित इलाज की मांग की। जिलाधिकारी ने आश्वासन दिया कि वे सीएमओ को इसके लिए आदेश देंगे।
राजीव यादव ने कहा कि गौआतंकियों के हमले अल्पसंख्यकों व दलितों-अति पिछड़ों पर बढ़ रहे हैं। और जेवर की घटना ब्राह्मणवादी आतंक का किस्सा है।


