तृणमूल नेताओं के खिलाफ धन शोधन का मामला दर्ज
नई दिल्ली ! प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने शुक्रवार को तृममूल कांग्रेस के कुछ नेताओं के खिलाफ नारदा स्टिंग में कथित संलिप्तता को लेकर धन शोधन (मनी लांडरिंग) का एक मामला दर्ज किया।

नई दिल्ली ! प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने शुक्रवार को तृममूल कांग्रेस के कुछ नेताओं के खिलाफ नारदा स्टिंग में कथित संलिप्तता को लेकर धन शोधन (मनी लांडरिंग) का एक मामला दर्ज किया। इस स्टिंग में आरोपियों ने एक फर्जी कंपनी का पक्ष लेने के लिए पैसे लिया था। अधिकारी ने आईएएनएस से कहा, "सीबीआई द्वारा दर्ज मामले के आधार पर हमने धन शोधन निवारक अधिनियम (पीएमएलए) के तहत टीएमसी नेताओं के खिलाफ एक मामला दर्ज किया है।"
ईडी अधिकारी के अनुसार, तृणमूल कांग्रेस के सभी नेताओं को जल्द ही पूछताछ के लिए तलब किया जाएगा।
ईडी ने यह कदम केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) द्वारा नारदा मामले में 17 अप्रैल को पश्चिम बंगाल के सत्तारूढ़ टीएमसी के दर्जन भर वरिष्ठ नेताओं और आईपीएस अधिकारियों के खिलाफ एक प्राथमिकी दर्ज करने के 10 दिन बाद उठाया है।
इस प्राथमिकी में 12 लोगों के नाम शामिल हैं, जो कथित तौर पर नारदा स्टिंग ऑपरेशन फुटेज में पैसे लेते दिख रहे हैं। तृणमूल सांसद अपरूपा पोद्दार का नाम भी प्राथमिकी में शामिल है।
प्राथमिकी में तृणमूल कांग्रेस के राज्यसभा सांसद मुकुल रॉय, लोकसभा सदस्य सौगत राय, सुल्तान अहमद, काकली घोष दस्तीदार, राज्य मंत्री सुब्रत मुखर्जी, फरहाद हकीम और सोवन चटर्जी (कोलकाता मेयर) और पूर्व मंत्री मदन मित्रा के नाम शामिल हैं।
कलकत्ता उच्च न्यायालय ने 17 मार्च को इस मामले में सीबीआई को एक प्राथमिक जांच शुरू करने का आदेश दिया था। अदालत ने संघीय जांच एजेंसी से 72 घंटे के अंदर एक रपट सौंपने को कहा था।
यह विवाद पश्चिम बंगाल में बीते साल मार्च में तब शुरू हुआ, जब नारदा न्यूज पोर्टल ने कई वीडियो फूटेज अपलोड किए, जिनमें कथित तौर पर टीएमसी के कुछ वरिष्ठ नेता एक जाली कंपनी का पक्ष लेने के बदले में पैसे लेते दिखे थे। इन नेताओं में पूर्व और मौजूदा मंत्री, सांसद और विधायक शामिल थे।


