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एनडीए की सरकार जरूर है, हमारा संकल्प भाजपा की सरकार बनानी है : सम्राट चौधरी

बिहार के उप मुख्यमंत्री और भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सम्राट चौधरी ने गुरुवार को साफ कर दिया कि आज बिहार में एनडीए की सरकार जरूर है

एनडीए की सरकार जरूर है, हमारा संकल्प भाजपा की सरकार बनानी है : सम्राट चौधरी
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पटना। बिहार के उप मुख्यमंत्री और भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सम्राट चौधरी ने गुरुवार को साफ कर दिया कि आज बिहार में एनडीए की सरकार जरूर है, लेकिन हमारा संकल्प भाजपा की सरकार बनाने की है।

बिहार भाजपा द्वारा आयोजित 'धन्यवाद, सम्मान सह संकल्प सभा' को संबोधित करते हुए उन्होंने बिहार में एनडीए सरकार बनने की पृष्ठभूमि की चर्चा करते हुए कहा कि बिहार की सत्ता से जंगलराज के प्रणेता को हटाने के लिए भाजपा ने यह प्रस्ताव स्वीकार किया।

इस मौके पर उपस्थित कार्यकर्ताओं ने अपने स्थान पर खड़े होकर एक मिनट तक ताली बजाकर पूर्व उप प्रधानमंत्री लालकृष्ण आडवाणी और जननायक कर्पूरी ठाकुर को भारत रत्न दिए जाने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को धन्यवाद दिया।

इस कार्यक्रम में बिहार सरकार में उप मुख्यमंत्री बने सम्राट चौधरी, विजय कुमार सिन्हा और मंत्री बने प्रेम कुमार को सम्मानित किया गया तथा 2024 में बिहार के सभी 40 की 40 लोकसभा सीटें जीतने का संकल्प भी लिया गया।

चौधरी ने कहा कि भाजपा मंडल का भी समर्थन करती है कमंडल का भी समर्थन करती है। अगर आज हम सरकार में शामिल हैं तो इसका क्रेडिट कार्यकर्ताओं को जाता है। भाजपा गठबंधन जरूर करती है लेकिन बदलती नहीं है और गठबंधन धर्म का पालन भी करती है। भाजपा को कमिटमेंट वाली पार्टी बताते हुए उन्होंने कहा कि भाजपा अपना संकल्प पूरा करती है। एनडीए सरकार का कमिटमेंट नौकरी देने का भी है लेकिन आज इसका क्रेडिट दूसरे लोग लेने में लगे हैं।

उन्होंने राजद के नेता लालू प्रसाद पर कटाक्ष करते हुए कहा कि अगर वे रोजगार का फॉर्मूला ही बताना चाहते हैं तो यह फॉर्मूला प्रदेश की जनता को बता दें कि डेढ़ वर्ष का बच्चा अरबपति कैसे बन सकता है, इससे किसी को रोजगार की जरूरत ही नहीं पड़ेगी।

कार्यक्रम को संबोधित करते हुए उप मुख्यमंत्री विजय कुमार सिन्हा ने कहा कि देव दुर्लभ कार्यकर्ता भाजपा में ही हो सकते हैं। उन्होंने बिहार के पहले मुख्यमंत्री श्रीकृष्ण सिंह की चर्चा करते हुए कहा कि उन्होंने पूरे बिहारियों को ही अपना परिवार माना और जमींदारी प्रथा को समाप्त कर दिया, जबकि अधिकांश जमींदार उन्हीं के समाज के थे। आज हमें यह देखना होगा कि बिहार में कमी क्यों आई।


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