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अमेरिकी प्रतिनिधिमंडल के सदस्य रिक स्विट्जर ने विदेश सचिव विक्रम मिस्री से की मुलाकात, भारत-अमेरिका ट्रेड डील पर बातचीत की उम्मीद

भारत आए अमेरिकी प्रतिनिधिमंडल के सदस्य रिक स्विट्जर ने विदेश सचिव विक्रम मिस्री से मुलाकात की है

अमेरिकी प्रतिनिधिमंडल के सदस्य रिक स्विट्जर ने विदेश सचिव विक्रम मिस्री से की मुलाकात, भारत-अमेरिका ट्रेड डील पर बातचीत की उम्मीद
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विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने अमेरिकी व्यापार प्रतिनिधि रिक स्विट्जर से मुलाकात की

नई दिल्ली। भारत आए अमेरिकी प्रतिनिधिमंडल के सदस्य रिक स्विट्जर ने विदेश सचिव विक्रम मिस्री से मुलाकात की है।

यह मुलाकात वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय के अधिकारियों से होने वाली बातचीत से ठीक पहले हुई है, जिसमें भारत-अमेरिका ट्रेड डील पर बातचीत होने की उम्मीद है।

विदेश मंत्रालय ने बताया कि मिस्री के साथ हुई उनकी मुलाकात में भारत-अमेरिका की व्यापक आर्थिक एवं तकनीकी साझेदारी और चल रही व्यापार वार्ताओं पर चर्चा हुई।

विदेश मंत्रालय ने एक पोस्ट में बताया, "विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने अमेरिकी उप व्यापार प्रतिनिधि रिक स्विट्जर से मुलाकात की। चर्चा में भारत-अमेरिका की मजबूत आर्थिक और तकनीकी साझेदारी, चल रही व्यापार वार्ता और दोनों देशों के बीच व्यापार को बढ़ावा देने और आपूर्ति श्रृंखलाओं के अवसरों पर बात हुई।"

हाल ही में नियुक्त हुए स्विट्जर और भारत व्यापार समझौते के मुख्य वार्ताकार ब्रेंडन लिंच के नेतृत्व में अमेरिकी प्रतिनिधिमंडल की यात्रा ने भारत-अमेरिका व्यापार समझौते के जल्द होने की नई संभावना पैदा कर दी है।

इससे पहले, वाणिज्य सचिव राजेश अग्रवाल ने कहा था कि भारत को उम्मीद है कि इस साल के अंत तक अमेरिका के साथ द्विपक्षीय व्यापार समझौते (बीटीए) की पहले चरण पर हस्ताक्षर हो जाएंगे, क्योंकि अधिकांश मुद्दे पहले ही सुलझ चुके हैं।

अग्रवाल के मुताबिक, भारत इस कैलेंडर ईयर में अमेरिका के साथ व्यापारिक समझौते को लेकर देश आशावादी है। हालांकि, अभी भी कई ऐसे क्षेत्र हैं, जहां पर भारत कोई समझौता नहीं कर सकता है।

उन्होंने आगे कहा कि उनकी प्रतिबद्धता है कि 2025 तक भारत-अमेरिका के बीच व्यापारिक समझौते का पहला चरण पूरा हो जाए और अब चीजें काफी आगे बढ़ चुकी हैं।

उन्होंने कहा कि मंत्रालय बीटीए के लिए अमेरिका के साथ बातचीत कर रहा है और रेसिप्रोकल टैरिफ को लेकर भी लंबी बातचीत हुई है।

अग्रवाल ने कहा कि जब अमेरिका की ओर से रेसिप्रोकल टैरिफ हटा दिए जाएंगे, तो यह व्यापार समझौता भारतीय निर्यात के लिए लाभदायक होगा।


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