राहुल गांधी ने डॉ. संपदा की मौत को बताया "संस्थागत हत्या", बोले- जब सत्ता अपराधियों की ढाल बन जाए, तो न्याय की उम्मीद किससे की जाए
कांग्रेस सांसद और लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने जस्टिस फॉर डॉक्टर संपदा हैशटेग के साथ न्याय की मांग की है

जब सत्ता अपराधियों की ढाल बन जाए, तो न्याय की उम्मीद किससे की जाए : राहुल गांधी
महाराष्ट्र: महाराष्ट्र में एक युवा महिला डॉक्टर की खुदखुशी के मामले ने तूल पकड़ लिया है..इस घटना को लेकर राज्य सरकार पर तमाम तरह के सवाल उठ रहे हैं..तो साथ ही डॉक्टर के लिए न्याय की मांग भी जोर पकड़ रही है..अब इस मामले में राहुल गांधी ने न सिर्फ न्याय की मांग की है..बल्कि इस घटना को सत्ता संरक्षित आपराधिक विचारधारा का सबसे घिनौना उदाहरण भी करार दिया है..तो क्या कुछ कहा है राहुल गांधी ने..और क्या है ये पूरा मामला..जानेंगे इस रिपोर्ट में..
महाराष्ट्र के सतारा में जिला अस्पताल की 28 साल की मेडिकल ऑफिसर डॉ. संपदा मुंडे की खुदखुशी के मामले ने पूरे महाराष्ट्र में हड़कंप मचा दिया है.. इस घटना ने सत्तारूढ़ दल पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं, जिसके बाद कांग्रेस सांसद और लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने जस्टिस फॉर डॉक्टर संपदा हैशटेग के साथ न्याय की मांग की है
दरअसल 23 अक्टूबर को डॉ. मुंडे की बॉडी एक होटल के कमरे से बरामद की गई थी.. पुलिस को उनके हाथ पर लिखा एक नोट मिला, जिसमें उन्होंने फलटण के एक पुलिस उप-निरीक्षक (PSI) गोपाल बदने और एक स्थानीय निवासी प्रशांत बनकर पर गंभीर आरोप लगाए हैं.. रिपोर्ट्स के मुताबिक, नोट में PSI बदने पर शारीरिक उत्पीड़न और बनकर पर शारीरिक व मानसिक उत्पीड़न का आरोप है, जिसके चलते उन्होंने यह कदम उठाया।
इसी को लेकर राहुल ने लिखा है कि एक होनहार डॉक्टर बेटी, जो दूसरों का दर्द मिटाने की आकांक्षा रखती थी, भ्रष्ट सत्ता और तंत्र में बैठे अपराधियों की प्रताड़ना का शिकार बन गई। जिसे अपराधियों से जनता की रक्षा की ज़िम्मेदारी दी गई थी, उसी ने इस मासूम के खिलाफ़ सबसे घिनौना अपराध किया.. सत्ता संरक्षित आपराधिक विचारधारा का ये सबसे घिनौना उदाहरण है।.. जब सत्ता अपराधियों की ढाल बन जाए, तो न्याय की उम्मीद किससे की जाए? डॉ. संपदा की जान जाना इस BJP सरकार के अमानवीय और संवेदनहीन चेहरे को उजागर करती है। हम न्याय की इस लड़ाई में पीड़ित परिवार के साथ मज़बूती से खड़े हैं। भारत की हर बेटी के लिए - अब डर नहीं, न्याय चाहिए। #JusticeForDrSampada
इस मामले ने तब और तूल पकड़ लिया जब डॉक्टर के परिवार ने आरोप लगाया कि डॉ. मुंडे ने दो महीने पहले ही वरिष्ठ अधिकारियों और सतारा के डिप्टी सुपरिंटेंडेंट ऑफ पुलिस को उत्पीड़न की लिखित शिकायत दी थी, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई.. परिवार ने ये भी दावा किया है कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट बदलने के लिए सत्तारूढ़ पार्टी से जुड़े कुछ प्रभावशाली लोगों और एक सांसद के पीए द्वारा दबाव डाला जा रहा था...मामला बढ़ता देख सीएम फडणवीस ने मामले का संज्ञान लेते हुए आनन फानन में आरोपी पुलिस अधिकारी को तत्काल निलंबित करने और कार्रवाई के निर्देश दिए हैं, जिसके बाद PSI गोपाल बदने को निलंबित कर दिया गया है और प्रशांत बनकर को गिरफ्तार किया जा चुका है.. लेकिन, न्याय की मांग को लेकर राजनीतिक और सामाजिक स्तर पर आक्रोश बढ़ता जा रहा है..अब इस मामले में डॉक्टर संपदा को न्याय मिलता है या नहीं..ये देखना होगा।


