भारतीय नौसेना की पनडुब्बी से समुद्री यात्रा करेंगी राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू एक नया कीर्तिमान स्थापित करने जा रही हैं। वह नौसेना की पनडुब्बी में सवार होकर समुद्री में जाएंगी

कारवार हार्बर से पनडुब्बी में उतरेंगी भारत की राष्ट्रपति
- राफेल उड़ान के बाद अब समुद्र की गहराइयों में राष्ट्रपति मुर्मू
- गोवा, कर्नाटक और झारखंड दौरे में ऐतिहासिक कार्यक्रम शामिल
- ‘अंजदीप’ वॉरफेयर क्राफ्ट से जुड़ा नौसेना का गौरव, कारवार बना केंद्रबिंदु
नई दिल्ली। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू एक नया कीर्तिमान स्थापित करने जा रही हैं। वह नौसेना की पनडुब्बी में सवार होकर समुद्री में जाएंगी। राष्ट्रपति भवन द्वारा दी गई आधिकारिक जानकारी के अनुसार राष्ट्रपति 28 दिसंबर को कर्नाटक के कारवार हार्बर से एक पनडुब्बी में समुद्री यात्रा करेंगी। राष्ट्रपति सचिवालय ने शुक्रवार को यह जानकारी दी।
गौरतलब है कि राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने बीते दिनों भारतीय वायुसेना के लड़ाकू विमान ‘राफेल’ में उड़ान भरी थीं। लड़ाकू विमान में उड़ान भरने के बाद अब वह पनडुब्बी की यात्रा करने जा रही हैं। तय कार्यक्रम के अनुसार राष्ट्रपति मुर्मू 27 से 30 दिसंबर, 2025 तक गोवा, कर्नाटक और झारखंड का दौरा करेंगी। वह 27 दिसंबर की शाम को गोवा के लिए रवाना होंगी। 28 दिसंबर को राष्ट्रपति कर्नाटक के कारवार हार्बर से एक पनडुब्बी में समुद्री यात्रा करेंगी।
राष्ट्रपति 29 दिसंबर को झारखंड के जमशेदपुर में ओल चिकी के शताब्दी समारोह में शामिल होंगी। उसी दिन वह जमशेदपुर के एनआईटी में आयोजित 15वें दीक्षांत समारोह को भी संबोधित करेंगी। इसके उपरांत राष्ट्रपति 30 दिसंबर को झारखंड के गुमला में अंतरराज्यीय जनसांस्कृतिक समागम समारोह-कार्तिक जात्रा को संबोधित करेंगी। इससे पहले इसी वर्ष अक्टूबर महीने में भारत की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने भारतीय वायुसेना के लड़ाकू विमान ‘राफेल’ में उड़ान भरी थी। अपनी इस उड़ान के साथ ही उन्होंने एक नया कीर्तिमान स्थापित किया था।
राष्ट्रपति, 29 अक्टूबर बुधवार को हरियाणा के अंबाला स्थित वायुसेना स्टेशन का पहुंची थी। यहां उन्होंने वायुसेना के अत्याधुनिक लड़ाकू विमान ‘राफेल’ में सॉर्टी यानी उड़ान भरी। इस दौरान राष्ट्रपति ने फाइटर पायलट सूट व अन्य सभी आवश्यक उपकरण भी पहने। यह अवसर भारतीय वायुसेना के लिए गौरव का क्षण रहा।
अंबाला भारतीय वायुसेना का एक प्रमुख एयरबेस है। यह एयरफोर्स स्टेशन राफेल लड़ाकू विमानों के स्क्वाड्रन की तैनाती का एक प्रमुख केंद्र भी है। यही कारण है कि इसे भारत की हवाई सुरक्षा का महत्वपूर्ण आधार माना जाता है। दरअसल यह कोई पहला अवसर नहीं था जब कि राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु भारतीय वायुसेना के किसी फाइटर जेट में सवार हुई थीं।
राष्ट्रपति सचिवालय के मुताबिक, 8 अप्रैल 2023 को भी उन्होंने असम के तेजपुर वायुसेना स्टेशन पर सुखोई-30 एमकेआई लड़ाकू विमान में उड़ान भरी थी। उस समय उन्होंने भारतीय वायुसेना के पायलटों के साथ अनुभव साझा करते हुए वायुसेना की दक्षता, अनुशासन और समर्पण की सराहना की थी।
गौरतलब है कि हाल ही में भारतीय नौसेना में ‘अंजदीप’ नामक एक आधुनिक एंटी सबमरीन वॉरफेयर शेलो वॉटर क्राफ्ट भी शामिल किया गया है। इसका नाम कर्णाटक के कारवार तट के पास स्थित ‘अंजदीप’ से लिया गया है। यह भारत के समुद्री क्षेत्र की रक्षा के प्रति राष्ट्रीय प्रतिबद्धता को दर्शाता है। कारवार तट व अंजदीप से जुड़े होने के कारण इसका अपना ऐतिहासिक और सांस्कृतिक महत्व भी है। यह जहाज पूर्व आईएनएस अंजदीप का आधुनिक पुनर्जन्म है, जिसे वर्ष 2003 में नौसेना से डिकमीशन किया गया था। रक्षा मंत्रालय के अनुसार यह स्वदेशी निर्माण का उत्कृष्ट उदाहरण है।


