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राहुल गांधी के खिलाफ 272 हस्तियों का खुला पत्र, जज-राजदूत समेत नौकरशाह भी शामिल, संवैधानिक संस्थाओं को बदनाम करने का लगाया आरोप

देश की 272 हस्तियों ने लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी और कांग्रेस पार्टी के 'वोट चोरी' के आरोपों की कड़ी आलोचना की है

राहुल गांधी के खिलाफ 272 हस्तियों का खुला पत्र, जज-राजदूत समेत नौकरशाह भी शामिल, संवैधानिक संस्थाओं को बदनाम करने का लगाया आरोप
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'संवैधानिक संस्थाओं को बदनाम करने के लिए निराधार आरोप', जज-ब्यूरोक्रेट्स समेत 272 हस्तियों का राहुल गांधी को खुला पत्र

नई दिल्ली। देश की 272 हस्तियों ने लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी और कांग्रेस पार्टी के 'वोट चोरी' के आरोपों की कड़ी आलोचना की है। कांग्रेस सांसद के खिलाफ खुला पत्र लिखने वाली हस्तियों में 16 रिटायर्ड जज,14 पूर्व राजदूत और 123 सेवानिवृत्त नौकरशाह शामिल हैं।

पत्र में चुनाव आयोग समेत देश की संवैधानिक संस्थाओं के खिलाफ बयानबाजी पर चिंता जताई गई है। इसमें कहा गया है, "भारत का लोकतंत्र आधारभूत संस्थाओं के विरुद्ध जहरीली बयानबाजी से हमले का शिकार हो रहा है। कुछ नेता, वास्तविक नीतिगत विकल्प पेश करने के बजाए अपनी राजनीतिक रणनीति के तहत भड़काऊ और निराधार आरोपों का सहारा लेते हैं।"

इस पत्र में कहा गया है, "भारतीय सशस्त्र बलों की वीरता और उपलब्धियों पर सवाल उठाए गए। न्यायपालिका की निष्पक्षता, संसद और उसके संवैधानिक पदाधिकारियों पर सवाल उठाकर उन्हें बदनाम करने के प्रयास किए गए। अब चुनाव आयोग अपनी ईमानदारी और प्रतिष्ठा पर व्यवस्थित और षड्यंत्रकारी हमलों का सामना कर रहा है।"

272 हस्तियों ने एक सुर में राहुल गांधी की तरफ से लगाए गए 'वोट चोरी' के आरोपों की कड़ी आलोचना की।

उन्होंने पत्र में लिखा, "लोकसभा में विपक्ष के नेता ने बार-बार चुनाव आयोग पर हमला किया है। उन्होंने कहा कि उन्हें जो मिला है वह एक परमाणु बम है और जब यह फटेगा, तो चुनाव आयोग के पास छिपने की कोई जगह नहीं होगी। उन्होंने यह भी धमकी दी है कि चुनाव आयोग में ऊपर से नीचे तक जो भी इस काम में शामिल है, वह उसे बख्शेंगे नहीं।"

रिटायर्ड अधिकारियों ने पत्र में आगे लिखा, "इतने तीखे आरोपों के बावजूद उन्होंने निराधार आरोप और अपनी जवाबदेही से बचने के लिए निर्धारित शपथपत्र के साथ कोई औपचारिक शिकायत दर्ज नहीं कराई है।"

सभी हस्तियों ने चुनाव आयोग की एसआईआर प्रक्रिया को भी सही ठहराया। उन्होंने पत्र में लिखा, "ईसीआई ने अपनी एसआईआर कार्यप्रणाली को सार्वजनिक रूप से साझा किया है। अदालत की निगरानी वाले तरीकों से सत्यापन हुआ। अयोग्य नामों को हटाया और नए योग्य मतदाताओं को जोड़ा है।"

विपक्ष के आरोपों पर इन सभी ने एक सुर में कहा, "ये आरोप संस्थागत संकट की आड़ में राजनीतिक हताशा को छिपाने का एक प्रयास हैं।"

इस पत्र पर सभी 272 हस्तियों ने हस्ताक्षर किए हैं। सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज आदर्श कुमार गोयल और हेमंत गुप्ता के अलावा कर्नाटक के पूर्व चीफ जस्टिस और केरल, गुजरात, राजस्थान, उत्तर प्रदेश, पंजाब व दिल्ली हाईकोर्ट के रिटायर्ड जजों के भी हस्ताक्षर हैं।

इसके अलावा, पूर्व रॉ चीफ संजीव त्रिपाठी, पूर्व एनआईए डायरेक्टर योगेश चंदेर मोदी, कई राज्यों के पूर्व डीजीपी, आईटीबीपी के पूर्व डीजी आरके पचनंदा, यूनेस्को के पूर्व डायरेक्टर किशोर राव, कई केंद्रीय विभागों और राज्यों के पूर्व सचिव और आयकर विभाग के कई रिटायर्ड अधिकारियों ने भी पत्र पर हस्ताक्षर किए हैं।


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