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कांग्रेस ने सरकार से पूछे चार सवाल

राहुल गांधी की ईडी के सामने पेशी का आज दूसरा दिन है। राहुल पर हो रही कार्रवाई पर कांग्रेस ने चार सवालों के जरिए सरकार को घेरने की कोशिश की है

कांग्रेस ने सरकार से पूछे चार सवाल
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नई दिल्ली, राहुल गांधी की ईडी के सामने पेशी का आज दूसरा दिन है। राहुल पर हो रही कार्रवाई पर कांग्रेस ने चार सवालों के जरिए सरकार को घेरने की कोशिश की है और बताया है की आखिर क्यों सरकार के निशाने पर कांग्रेस और राहुल गांधी हैं। दूसरी ओर कांग्रेस ने साफ कर दिया गया है कि कांग्रेस के नेता आज भी पैदल मार्च निकालेंगे। वहीं राहुल गांधी कांग्रेस दफ्तर से ही ईडी दफ्तर पैदल जाएंगे।

कांग्रेस के एक नेता ने कहा है , "हम आज फिर पैदल मार्च निकालेंगे लेकिन पुलिस को हमारे सामने खड़ा कर दिया है। हम शांति से धरने पर बैठना चाहते हैं। राहुल गांधी से पूछे जाने वाले सवालों को बहार लीक किया जा रहा था। सरकार पूछताछ के दौरान कैमरा लगवा सकती है, ताकि सबको एक साथ पता लग जाए कि क्या पूछा जा रहा है।"

कांग्रेस महसचिव रणदीप सुरजेवाला ने सरकार से चार सवालों के जवाब मांगते हुए पूछा, "आखिर भाजपा के निशाने पर राहुल गांधी और कांग्रेस ही क्यों? क्या जनता के मुद्दे उठाने वाली मुखर आवाज को दबाने का साजिश है ईडी की कार्रवाई? क्या राहुल गांधी मोदी सरकार द्वारा चंद धन्ना सेठों के हित साधने में रोड़ा बने हैं? और भाजपा सरकार हजारों करोड़ रुपए विज्ञापन पर खर्च कर, अपने 40-50 मंत्री लगाकर, सारे मीडिया पर दबाव डालकर केवल एक आवाज राहुल गांधी पर इतनी ज्यादा हमलावर क्यों है?"

यह कुछ सवाल है जो कांग्रेस ने भाजपा से पूछें हैं वहीं किसान, चीन, महंगाई के मुद्दे को उठा कांग्रेस की ओर से कुछ बिंदुओं पर स्पष्टीकरण दिया गया है।

रणदीप सुरजेवाला ने कहा , "जब चीन मामले पर प्रधानमंत्री ने कहा था कि 'न कोई घुसा है, न कोई आया है'। तब राहुल गांधी ने सरकार को इस झूठ पर घेरा और देश की माटी के लिए, शहीद जवानों के लिए आवाज उठाई।"

उन्होंने कहा, "महंगाई से हो रही जनता की बदहाली पर राहुल गांधी ने लगातार सरकार को घेरा। डूबती अर्थव्यवस्था, कोरोना के दौरान लापरवाही, किसानो के मुद्दे, देश में नफरत आदि मुद्दों पर सरकार के सामने आवाज उठाए यही कारण है कि सरकार उनसे परेशान है।"

दरअसल नेशनल हेराल्ड मामला एक अखबार से जुड़ा है। अखबार का मालिकाना हक एजेएल के पास था जो दो और अखबार छापा करती थी। इसे कंपनी एक्ट की धारा 25 से टैक्स मुक्त कर दिया गया। कंपनी धीरे-धीरे घाटे में चली गई। 90 करोड़ का कर्ज भी चढ़ गया। इस बीच 2010 में यंग इंडियन के नाम से एक अन्य कंपनी बनाई गई। इसके 76 प्रतिशत शेयर सोनिया गांधी और राहुल गांधी और बाकी के शेयर मोतीलाल बोरा और आस्कर फर्नांडिस के पास थे।

आरोप है कि कांग्रेस ने अपना 90 करोड़ का कर्ज नई कंपनी यंग इंडियन को ट्रांसफर कर दिया। लोन चुकाने में पूरी तरह असमर्थ एजेएल ने सारे शेयर यंग इंडियन को ट्रांसफर कर दिए। इसके बदले में यंग इंडियन ने महज 50 लाख रुपये एजेएल को दिए।

इसके बाद बीजेपी नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने एक याचिका दायर कर आरोप लगाया कि यंग इंडियन प्राइवेट ने सिर्फ 50 लाख रुपये में 90 करोड़ वसूलने का उपाय निकाला जो नियमों के खिलाफ है।


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