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आयुर्वेद और योग पर आधारित राष्ट्रीय चिकित्सकीय प्रबंधन प्रोटोकॉल जारी

केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने कोरोना वायरस कोविड-19 के प्रबंधन के लिए आयुर्वेद और योग पर आधारित राष्ट्रीय चिकित्सकीय प्रबंधन प्रोटोकॉल आज जारी किया।

आयुर्वेद और योग पर आधारित राष्ट्रीय चिकित्सकीय प्रबंधन प्रोटोकॉल जारी
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नयी दिल्ली । केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने कोरोना वायरस कोविड-19 के प्रबंधन के लिए आयुर्वेद और योग पर आधारित राष्ट्रीय चिकित्सकीय प्रबंधन प्रोटोकॉल आज जारी किया।

डॉ. हर्षवर्धन ने आज कहा कि चिकित्सकीय अध्ययनों से इस बात की पुष्टि हुई है कि कोरोना वायरस से बचाव में अश्वगंधा,लौंग और गिलोय जैसे आयुर्वेदिक औषधियां काम आती हैं। राष्ट्रीय चिकित्सकीय प्रबंधन प्रोटोकॉल को भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद और सीएसआईआर के अनुसार अद्यतन किया गया है। इसमें कोविड-19 के बचाव के लिए स्वयं की देखभाल संबंध दिशानिर्देश हैं।

प्रोटोकॉल में कहा गया है कि कोविड-19 से बचाव के लिए शारीरिक दूरी, श्वसन संबंधी सफाई और हाथों की स्वच्छता के अलावा मास्क पहनना जरूरी है। इसके साथ ही एक चुटकी हल्दी और नमक को गर्म पानी में डालकर गरारे कराने चाहिए। त्रिफला को पानी में उबालकर पानी में यष्टीमधु यानी मुलेठी को भी उबालकर उस पानी से गरारे किये जा सकते हैं।

अणु तेल या शादबिंदु तेल या तिल का तेल या नारियल का तेल की बूंदें नाक में डाली जा सकती हैं। इनके अलावा गाय के घी को भी दिन में एक या दो बार नाक में डालना चाहिए, खासकर जब घर से बाहर जाना हो और बाहर से घर लौटे हों। यूकेलिप्टस के तेल, अजवायन या पुदीने को पानी में डालकर दिन में एक बार भाप लेना चाहिए। कम से छह से आठ घंटे की भरपूर नींद लेनी चाहिए। व्यायाम करना चाहिए और योग प्रोटोकॉल का पालन करना चाहिए।

प्रोटोकॉल में खानपान संबंधी सलाह भी जारी की गयी है। कोविड-19 से बचाव के लिए अदरक या धनिया या तुलसी की पत्ती या जीरा आदि डालकर उबाले गये पानी का सेवन करना चाहिए। ताजा, गर्म और संतुलित आहार लेना चाहिए। आधा चम्मच हल्दी 150 मिलीलीटर गर्म दूध में डालकर उसे रात में पीना चाहिए। अपच होने पर दूध नहीं पानी चाहिए। आयुष काढ़ा या क्वाथ दिन में एक बार लेना चाहिए।

कोरोना संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आने पर या जिन इलाकों में संक्रमण के अधिक मामले हों, वहां के निवासियों को 15 दिन या एक माह या आयुर्वेदिक चिकित्सक की सलाह के अनुसार, दिन में दो बार गर्म पानी के साथ अश्वगंधा या इसका एक से तीन ग्राम चूर्ण,समान ही मात्रा में दिन में दो बार गुडुची घनवटी या गिलोय घनवटी लेना चाहिए। इसके अलावा दिन में एक बार गर्म पानी के साथ च्यवनप्राश लेना चाहिए।
बगैर लक्षणों वाले कोरोना मरीजों को भी 15 दिन या एक माह या आयुर्वेदिक चिकित्सक की सलाह के अनुसार, दिन में दो बार गर्म पानी के साथ अश्वगंधा या इसका एक से तीन ग्राम चूर्ण, 15 दिन तक या आयुर्वेदिक चिकित्सकर की सलाह के अनुसार, दिन में दो बार गर्म पानी के साथ 375 मिलीग्राम गुडुची और पिप्पली तथा दिन में दो ही बार 500 मिलीग्राम की आयुष 64 टैबलेट लेनी चाहिए।

कोरोना संक्रमण के मध्यम लक्षणों वाले मरीजों को अगर सांस लेने में तकलीफ न हो या ऑक्सीजन का स्तर कम न हो तो 15 दिन तक या आयुर्वेदिक चिकित्सक के सलाह के अनुसार, दिन में दो बार गर्म पानी के साथ 375 मिलीग्राम गुडची और पिप्पली और दिन में दो ही बार 500 मिलीग्राम की आयुष 64 टैबलेट लेनी चाहिए।

साथ ही यह भी सलाह दी गयी है कि इन दवाओं को लेने के साथ खानपान संबंधी या अन्य नियमों का भी पालन करना चाहिए। कोरोना संक्रमण से मुक्त होने वाले मरीजों के लिए कुछ आयुर्वेंदिक उपचार बताये गये हैं।

योग संबंधी प्रोटोकॉल में कई आसनों के बारे में बताया गया है, जिससे श्वसन प्रणाली दुरुस्त होती है और चिंता तथा तनाव कम होता है। योग से रोगप्रतिरोधक क्षमता भी बढ़ती है। योग प्रोटोकॉल में कोरोना संक्रमण मुक्त् हुए व्यक्तियों के लिए कई आसन बताये गये हैं, जिनसे फेफड़े की क्षमता बढ़ती है और चिंता तथा बेचैनी कम होती है।

इन सबके अलावा कोरोना संक्रमण के विभिन्न लक्षणों जैसे बुखार के साथ बदन दर्द, सिर दर्द, खांसी, गले की खराश, स्वाद का खत्म होना, थकान, ऑक्सीजन की कमी, डायरिया और दम फूलने की स्थिति में ली जाने वाली कुछ आयुर्वेदिक दवायें भी बतायी गयी हैं, जिन्हें आयुर्वेदिक चिकित्सक की सलाह पर लिया जा सकता है।

आयुष मंत्रालय की सिफारिशों के आधार पर एक राष्ट्रीय कार्यबल गठित किया गया, जिसके अंतर्गत अखिल भारतीय आयुर्वेद संस्थान, दिल्ली, इंस्टिट्यूट ऑफ पोस्ट ग्रेजुएट ट्रेनिंग एंड रिसर्च इन आयुर्वेद, जामनगर, नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ आयुर्वेद जयपुर, सेंट्रल काउंसिल फॉर रिसर्च इन आयुर्वेद, सेंट्रल काउंसिल फॉर रिसर्च इन योग एंड नेचुरोपेथी और अन्य राष्ट्रीय अनुसंधान संगठनों ने कोविड-19 के प्रबंधन के लिए आयुर्वेद और योग पर आधारित इस राष्ट्रीय चिकित्सीय प्रबंधन प्रोटोकॉल को तैयार किया।

प्रोटोकॉल को डॉ. हर्षवर्धन ने डिजिटल माध्यम से जारी किया। इस अवसर पर केंद्रीय आयुष राज्य मंत्री श्रीपद येसो नाइक ,नीति आयोग के उपाध्यक्ष डॉ. राजीव कुमार और नीति आयोग के सदस्य (स्वास्थ्य) डॉ वी के पॉल भी वर्चुअल माध्यम से उपस्थित रहे।


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