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हाईकोर्ट शिफ्टिंग को लेकर नाराज नैनीताल भाजपा विधायक सरिता आर्य का अपनी सरकार पर हमला

बुधवार को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में कैबिनेट बैठक में कई अहम फैसले लिए गए जिनमें से एक उत्तराखंड हाईकोर्ट को नैनीताल से हल्द्वानी शिफ्ट करने का फैसला भी लिया गया है

हाईकोर्ट शिफ्टिंग को लेकर नाराज नैनीताल भाजपा विधायक सरिता आर्य का अपनी सरकार पर हमला
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देहरादून/नैनीताल। बुधवार को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में कैबिनेट बैठक में कई अहम फैसले लिए गए जिनमें से एक उत्तराखंड हाईकोर्ट को नैनीताल से हल्द्वानी शिफ्ट करने का फैसला भी लिया गया है। इस शिफ्टिंग को लेकर नैनीताल की भाजपा स्थानीय विधायक सरिता आर्य ने राज्य की अपनी ही सरकार हमला बोलते हुए कहा कि हाईकोर्ट को नैनीताल से मैदान में शिफ्ट किया जाना अव्यवहारिक है। वह हर स्तर पर इसका विरोध करेंगी।

कल मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में कैबिनेट बैठक में कई अहम फैसले लिए गए जिनमें से एक उत्तराखंड हाईकोर्ट को नैनीताल से हल्द्वानी शिफ्ट करने का फैसला भी लिया गया है। इस शिफ्टिंग को लेकर नैनीताल भाजपा की स्थानीय विधायक सरिता आर्य ने नाराजगी जताते हुए राज्य की अपनी ही भाजपा सरकार हमला बोल दिया है। नैनीताल से हाईकोर्ट को हल्द्वानी शिफ्ट करने पर नाराज भाजपा विधायक सरिता आर्य ने कहा कि बिना विश्वास में लिए सरकार ने जो फैसला लिया है वो पूरी तरह से गलत है। उन्होंने कहा कि नैनीताल के स्थानीय लोगों के रोजगार पर हमला करने वाला फैसला है।

आर्य ने कहा कि इस फैसले को लेने से पहले नैनीताल के अधिवक्ताओं और व्यापारियों से कोई भी राय नहीं ली गई है। उन्होंने कहा कि वह मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से पूछूंगी की आखिर यह फैसला क्यों लिया गया है। विधायक सरिता आर्य ने कहा अब हाईकोर्ट हटाओगे तो नैनीताल को क्या दोगे?

सरिता आर्य ने कहा कि उत्तराखंड एक पर्वतीय राज्य है। जब इसका निर्माण हुआ तब हम चाहते थे कि राजधानी नैनीताल बने क्योंकि यहां राजभवन, एमएलए आवास, सीएम आवास, सचिवालय सब पहले से थे। भवाली और रानीबाग एचएमटी, भीमताल इंडस्ट्रियल क्षेत्र आदि में इसका विस्तार किया जाता लेकिन राजधानी नहीं बन सकी। हाईकोर्ट होने से जिले की प्रतिष्ठा बढ़ी और यहां यातायात, पर्यावरण सहित विभिन्न समस्याओं में भी कमी आई। इससे यहां लोगों को रोजगार भी मिला।

सरिता ने कहा कि अब जब हाईकोर्ट की अवस्थापना सुविधाएं पूरी हो चुकी हैं और मेट्रोपोल होटल परिसर में भविष्य में विस्तार की भी पूरी संभावना है तो ऐसे में हाईकोर्ट को यहां से शिफ्ट करना अव्यवाहारिक है। उन्होंने कहा कि नैनीताल में पाकिर्ंग और स्वास्थ्य सुविधाओं को विकसित किया जाएगा और कोर्ट की शिफ्टिंग का मसला हमेशा के लिए समाप्त किया जाएगा।

विधायक ने कहा है कि राष्ट्रपति द्वारा हाईकोर्ट की स्थापना का नोटिफिकेशन नैनीताल के लिए जारी किया गया था। अब कोर्ट को मैदान में ले जाना इसकी अवहेलना होगी। उन्होंने कहा कि यदि बहुत ही जरूरी हो तो कोर्ट का परिसर बल्दियाखान के निकट पटवाडांगर में बनाया जा सकता है। यहां 103 एकड़ समतल भूमि उपलब्ध है। यहां से फतेहपुर को मार्ग बन रहा है। यह स्थान नैनीताल, हल्द्वानी, रामनगर सहित पहाड़ के लोगों के लिए सुविधाजनक भी है।


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