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मप्र : नरोत्तम मिश्रा को हाई कोर्ट से राहत नहीं

मध्य प्रदेश सरकार के विधि-विधाई और संसदीय कार्यमंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा को उच्च न्यायालय की ग्वालियर पीठ से राहत नहीं मिल पाई है

मप्र : नरोत्तम मिश्रा को हाई कोर्ट से राहत नहीं
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ग्वालियर। भारत निर्वाचन आयोग द्वारा पेड न्यूज के मामले में तीन वर्ष तक चुनाव लड़ने के अयोग्य ठहराए गए मध्य प्रदेश सरकार के विधि-विधाई और संसदीय कार्यमंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा को उच्च न्यायालय की ग्वालियर पीठ से राहत नहीं मिल पाई है।

न्यायालय ने उनकी याचिका पर सुनवाई के लिए अगली तारीख पांच जुलाई तय की है। वर्ष 2008 के विधानसभा चुनाव में मिश्रा दतिया से निर्वाचित हुए थे। इस चुनाव में पैसे देकर खबर छपवाने और खर्च का सही ब्यौरा न देने का आरोप लगाते हुए उनके निकटतम प्रतिद्वंद्वी रहे राजेंद्र भारती ने चुनाव आयोग में वर्ष 2009 में शिकायत की थी, जिस पर चुनाव आयोग का 24 जून का फैसला आया। आयोग ने आरोपों को सही पाया और मिश्रा को तीन साल तक चुनाव लड़ने के अयोग्य घोषित कर दिया।

भारती के अधिवक्ता प्रतीत बिसौरिया ने शुक्रवार को आईएएनएस को बताया, "चुनाव आयोग के फैसले के खिलाफ मिश्रा की ओर से याचिका दायर की गई। भारती ने न्यायालय में केवियट लगाकर किसी भी फैसले से पहले उनका पक्ष सुने जाने का अनुरोध किया।"

बिसौरिया के मुताबिक, "शुक्रवार को न्यायाधीश विवेक अग्रवाल की अदालत में सुनवाई हुई। चुनाव आयोग के अधिवक्ता ने जवाब के लिए समय मांगा, जिस पर न्यायाधीश ने अगली सुनवाई की तारीख पांच जुलाई तय कर दी। मिश्रा के अधिवक्ता की ओर से स्थगन का अनुरोध किया गया, मगर न्यायालय ने इंकार कर दिया।"

ज्ञात हो कि बीते आठ वर्ष से चल रहे इस मामले में उच्च न्यायालय की ग्वालियर पीठ ने प्रारंभ में मिश्रा को राहत दे दी थी, मगर यह राहत ज्यादा दिनों तक नहीं रह पाई। मिश्रा ने फिर सर्वोच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया। उन्हें वहां भी राहत नहीं मिली।

सर्वोच्च न्यायालय ने मिश्रा को अपनी बात उच्च न्यायालय में ही रखने को कहा। उच्च न्यायालय ने चुनाव आयोग जाने का निर्देश दिया। आयोग ने सुनवाई पूरी करते हुए 24 जून को फैसला सुना दिया। मिश्रा को तीन साल तक चुनाव लड़ने के अयोग्य घोषित कर दिया गया।


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