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मप्र : मंत्री की बहू की आत्महत्या पर घिरी सरकार

मध्य प्रदेश के लोक निर्माण मंत्री रामपाल सिंह की कथित बहू प्रीति रघुवंशी की आत्महत्या प्रकरण ने शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व वाली सरकार को कटघरे में खड़ा कर दिया है

मप्र : मंत्री की बहू की आत्महत्या पर घिरी सरकार
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भोपाल। मध्य प्रदेश के लोक निर्माण मंत्री रामपाल सिंह की कथित बहू प्रीति रघुवंशी की आत्महत्या प्रकरण ने शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व वाली सरकार को कटघरे में खड़ा कर दिया है। रामपाल के बेटे गिरजेश सिंह के अंतिम संस्कार में न जाने और फिर अस्थि संचय कार्यक्रम में शामिल होने से उन बातों को बल मिला है, जिनमें प्रीति और गिरिजेश की शादी के दावे किए जा रहे हैं। कांग्रेस ने मंगलवार को इस मसले पर चर्चा के लिए विधानसभा में स्थगन का नोटिस दिया, मगर चर्चा नहीं हुई। दोनों पक्ष एक-दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप लगाते रहे।

रायसेन जिले के उदयपुरा निवासी प्रीति ने शनिवार को फांसी के फंदे से लटककर आत्महत्या कर ली। उसका पोस्टमार्टम हुआ और काफी जद्दोजहद के बाद सोमवार को अंतिम संस्कार हो पाया। प्रीति को मंत्री रामपाल की बहू बताया गया, मगर अंतिम संस्कार में मंत्री के परिवार का कोई सदस्य नहीं पहुंचा था। मंगलवार को अस्थि संचय के लिए गिरजेश उदयपुरा के श्मशान घाट पहुंचा और अस्थि संचय कार्यक्रम में शामिल हुआ।

गिरजेश मंत्री रामपाल का बेटा है और उसे प्रीति का पति बताया जा रहा है। आर्य समाज मंदिर के दस्तावेज भी इस बात की पुष्टि करते हैं।

प्रीति के परिजनों का आरोप है, "प्रीति और गिरजेश के प्रेम संबंधों की जानकारी होते हुए भी मंत्री रामपाल ने अपने बेटे की सगाई इंदौर में कर दी। इससे प्रीति काफी आहत थी और उसने आत्महत्या जैसा कदम उठाया।" जबकि मंत्री रामपाल लगातार प्रीति को अपनी बहू मानने से इंकार करते रहे। लेकिन मंगलवार को गिरजेश का अस्थि संचय में जाना मंत्री के दावे पर सवाल उठाता है।

बेटे के अस्थि संचय कार्यक्रम में शामिल होने पर रामपाल ने संवाददाताओं से मंगलवार को कहा कि वह इस संबंध में बेटे से चर्चा करेंगे। दूसरी ओर रघुवंशी समाज मंत्री के रवैए से नाराज है।

इस बीच, कांग्रेस ने इस मसले पर चर्चा कराने के लिए विधानसभा में स्थगन का नोटिस दिया, जिसे विधानसभा अध्यक्ष सीतासरण शर्मा ने अस्वीकार कर दिया। कांग्रेस विधायकों ने इसे लेकर सदन में हंगामा किया। इस दौरान कांग्रेस विधायकों और मंत्रियों के बीच तीखी नोकझोक हुई। हंगामे के कारण सदन की कार्यवाही तीन बार स्थगित करनी पड़ी।


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