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आधे से अधिक ट्रेन टिकट नकद में खरीदे जाते हैं: सर्वे

 सरकार के देश में लेसकैश अर्थव्यवस्था और डिजिटल भुगतान को बढ़ावा देने के बावजूद भारतीय रेल के 50 फीसदी से अधिक आरक्षित टिकट नकद में ही बुक होते हैं

आधे से अधिक ट्रेन टिकट नकद में खरीदे जाते हैं: सर्वे
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नयी दिल्ली। सरकार के देश में लेसकैश अर्थव्यवस्था और डिजिटल भुगतान को बढ़ावा देने के बावजूद भारतीय रेल के 50 फीसदी से अधिक आरक्षित टिकट नकद में ही बुक होते हैं।

रेलयात्रियों को यात्रा से जुड़ी जानकारियां उपलब्ध कराने वाला पोर्टल रेलयात्री डॉटइन ने एक सर्वेक्षण के आधार पर यह दावा किया है। रिपोर्ट में कहा गया है कि देश में आधे से अधिक ट्रेन टिकट नकद में खरीदे जाते हैं। इसमें कहा गया है कि अधिकृत एजेंट के माध्यम से भी आरक्षित ट्रेन टिकटों की खरीदी की जाती है।

इनका योगदान आरक्षित टिकटों की बिक्री में अनुमानतः आधा है, जो नकद में खरीदे जाते हैं। इसका प्रमुख कारण है डिस-इंसेंटिव इको-सिस्टम जिससे नकदी को बढ़ावा मिलता है।

पोर्टल ने कहा कि देश भर में ग्राहकों और टिकट बुक करने वाले एजेंटों पर किये गये सर्वेक्षण के आधार पर यह निष्कर्ष निकला है। इसमें डिजिटल भुगतान को बढ़ावा देने के लिये सुधार किये जाने की जरूरत बताते हुये कहा गया है कि देश में करीब 65 हजार ऐसे एजेंट हैं जो ट्रेन टिकट बेचते हैं और टिकट खरीदने के लिये आस-पड़ोस का टिकट एजेंट अभी भी पसंदीदा विकल्प है क्याेंकि घर तक सेवा की पेशकश, स्थानीय ज्ञान और ग्राहकों के साथ संबंध अादि शामिल हैं।

रेलयात्री के सह संस्थापक एवं मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) मनीष राठी ने कहा कि देश में ग्राहकों का एक बड़ा वर्ग प्रबंधित सेवाओं पर निर्भर करता है, खासतौर से तब जब वे बहुत अधिक जरूरतमंद होते हैं।

आपूर्ति-मांग में भारी अंतर तथा ट्रेनों से संबंधित अन्य अनिश्चितताओं के कारण टिकट बुकिंग भी इसी क्षेत्र में आता है। यही कारण है कि आम तौर पर ट्रेन टिकटों की बुकिंग ट्रैवेल एजेंटों के जरिये कराई जाती है।


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