Top
Begin typing your search above and press return to search.

मोदी सरकार दोहरा रही आपातकाल : माले

राज्य सचिव सुधाकर यादव ने कश्मीर से ताल्लुक रखने वाले कहानीकार गौतम नवलखा, तेलंगाना के प्रसिद्ध कवि वरवर राव सहित पांच बुद्धजीवियों की गिरफ्तारियों की निंदा करते हुए कहा, "ये गिरफ्तारियां राजनीतिक हैं

मोदी सरकार दोहरा रही आपातकाल : माले
X

लखनऊ। भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्‍सवादी-लेनिनवादी) ने देश में मानवाधिकार कार्यकर्ताओं, लेखकों व कवियों की 'शहरी नक्सली' के नाम पर दिल्ली समेत विभिन्न राज्यों से हुई गिरफ्तारी को लोकतंत्र पर हमला बताते हुए कहा कि नरेंद्र मोदी की सरकार इंदिरा गांधी के आपातकाल को दोहरा रही है।

राज्य सचिव सुधाकर यादव ने कश्मीर से ताल्लुक रखने वाले कहानीकार गौतम नवलखा, तेलंगाना के प्रसिद्ध कवि वरवर राव सहित पांच बुद्धजीवियों की गिरफ्तारियों की निंदा करते हुए कहा, "ये गिरफ्तारियां राजनीतिक हैं। बिना सबूत, बिना मामला दर्ज किए इन्हें सिर्फ इसलिए गिरफ्तार करवाया गया कि ये सच बोलते हैं, दलितों की आवाज उठाते हैं और मोदी सरकार को आईना देखा देते हैं। इससे लगता है, हम सभी लोग संवैधानिक लोकतंत्र की जगह फासीवादी हुकूमत में रह रहे हैं।"

सुधाकर ने कहा कि जिन पांच व्यक्तियों को गिरफ्तार किया गया, वे सभी लोकतंत्र की थाती हैं। उन्हें गिरफ्तार कर सरकार असहमति, जनतंत्र और न्याय की आवाज को सत्ता की ताकत से कुचलने की कार्रवाई कर रही है। यह मोदी सरकार की लोकसभा चुनाव पूर्व की हताशा-निराशा को दर्शाता है। इन गिरफ्तारियों को सुप्रीम कोर्ट ने भी सही नहीं माना है। हताशा में भाजपा सरकार खुद अपनी किरकिरी करवा रही है।

माले नेता ने कहा कि इन बुद्धिजीवियों की गिरफ्तारी को भीमा-कोरेगांव की घटना और प्रधानमंत्री मोदी की हत्या योजना से जोड़ने का आरोप निहायत हास्यास्पद है। सुप्रीम कोर्ट गिरफ्तार लोगों के खिलाफ सबूत मांग रहा है और पुलिस कोई सबूत नहीं दे पा रही है। भीमा-कोरेगांव की घटना के छह महीने बाद अचानक ये गिरफ्तारियां दर्शा रहा है कि भाजपा घबराहट में है। घबराहट इस बात की है कि साढ़े चार साल तो झूठ बोल-बोल कर काट लिए, अब छह-सात महीने बाद चुनाव का सामना करना है और जनता को बताने के लिए कुछ है ही नहीं।

सुधाकर ने कहा कि भीमा-कोरेगांव की हिंसा के असली गुनहगार कट्टर हिंदूवादियों को बचाने के लिए यह नाटक रचा गया है। असली गुनहगारों पर हाथ डालने की पुलिस की हिम्मत नहीं पड़ रही है। बेबस-लाचार पुलिस वही कर रही है, जो भाजपा नेतृत्व उससे करवा रहा है।

उन्होंने कहा कि बात नोटबंदी की हो या दूसरी घोषणाओं की, जैसे-जैसे झूठ से पर्दा हटता जा रहा है, भाजपा की घबराहट बढ़ती जा रही है। ये जिस आपातकाल की निंदा करते नहीं थकते हैं, घबराहट में विरोध की आवाज को दबाने के लिए वही तरीका अपना रहे हैं।

माले नेता ने कहा कि ये गिरफ्तारियां भाजपा संगठन और सरकार में शीर्ष नेतृत्व के इशारे पर की गई हैं, ताकि चुनाव पूर्व बेला में मोदी सरकार की नाकामियों और ठगे गए लोगों के बढ़ रहे गुस्से से ध्यान हटाया जा सके।

उन्होंने कहा कि लेकिन मोदी सरकार को नहीं भूलना चाहिए कि हिटलर के फासीवाद और इंदिरा गांधी के आपातकाल का क्या हश्र हुआ था।


Next Story

Related Stories

All Rights Reserved. Copyright @2019
Share it