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किसानों की मांग पर मोदी सरकार असंवेदनशील : राहुल

प्रदर्शन करने वाले किसानों पर हिंसक कार्रवाई और लाठीचार्ज, मोदी सरकार कि तानाशाही रवैये को प्रदर्शित करती है

किसानों की मांग पर मोदी सरकार असंवेदनशील : राहुल
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नई दिल्ली। कांग्रेस ने आज दिल्ली-उत्तर प्रदेश सीमा पर प्रदर्शनकारी किसानों पर पुलिस कार्रवाई को लेकर मोदी सरकार को 'अहंकारी और क्रूर' करार दिया। पार्टी अध्यक्ष राहुल गांधी ने सरकार पर किसानों की ऋण माफ करने की मांग नहीं मानने के लिए हमला बोला।

ट्वीट की एक श्रंखला में राहुल गांधी ने 'शांतिपूर्वक प्रदर्शन कर रहे किसानों की बेरहमी से पिटाई' के लिए सरकार की आलोचना की और कहा कि 'अब तो किसान देश की राजधानी आकर अपनी तकलीफें भी नहीं बता सकते हैं।'

बाद में, महाराष्ट्र के वर्धा में एक रैली को संबोधित करते हुए कांग्रेस अध्यक्ष ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर तीन लाख करोड़ रुपये के कॉर्पोरेट ऋण को माफ करने और किसानों की मांगों पर असंवेदनशील बने रहने का आरोप लगाया।

राहुल ने कहा, "सभी राज्यों के किसान चाहे महाराष्ट्र के हों, हरियाणा के हों या फिर उत्तर प्रदेश के हों, हाथ जोड़कर ऋण माफ करने के लिए अनुरोध कर रहे हैं। पिछले चार वर्षो में मोदी ने 15 से 20 लोगों का 3,20,000 करोड़ रुपये का ऋण माफ किया है लेकिन वह किसानों की दुखद स्थिति को नहीं देख सकते।"

कांग्रेस ने वर्धा में अपनी कार्यसमिति की बैठक में दिल्ली-उत्तर प्रदेश सीमा पर प्रदर्शनकारी किसानों पर पुलिस कार्रवाई की कड़ी निंदा करते हुए एक प्रस्ताव पारित किया है।

पार्टी ने प्रस्ताव में कहा, "महात्मा गांधी की जयंती पर जब हजारों किसान अपनी मांगों को लेकर सैकड़ों किलोमीटर का मार्च करते हुए मोदी सरकार के दरवाजे पर पहुंचे, तो एक अंहकारी व क्रूर सरकार ने उनकी बातें और पुकार सुनने के बजाए उनपर लाठियां बरसाईं।"

प्रस्ताव में कहा गया है, "कर्ज के बोझ तले दबे गरीब किसान मोदी को उनका वादा याद दिलाने आए थे, जिसमें मोदी ने उन्हें उत्पादन की लागत पर 50 फीसदी या उससे अधिक फायदा देने और ऋण माफ करने का वादा किया था।"

पार्टी ने कहा, "डीजल और खाद के आसमान पर पहुंचे दामों ने पहले ही किसान की कमर तोड़ दी है और मोदी सरकार ने कृषि वस्तुओं पर पांच से 18 फीसदी वस्तु एवं सेवा कर लगाकर उनके दुखों को और बढ़ा दिया है।"

पार्टी ने कहा, "कांग्रेस किसानों पर हिंसक कार्रवाई और लाठीचार्ज की कड़ी शब्दों में निंदा करती है।"

पार्टी ने किसानों के कल्याण के लिए कार्य करने की अपनी प्रतिबद्धता पर जोर दिया।

भारतीय किसान यूनियन के नेतृत्व में हजारों किसानों ने किसान क्रांति पदयात्रा में हिस्सा लिया। यह पदयात्रा हरिद्वार के टिकैत घाट से दिल्ली स्थित किसान घाट तक की थी। किसानों की कर्ज माफी सहित पंद्रह मांगे हैं।


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