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'मन की बात' अराजनैतिक, इसमें सरकार या मोदी को सराहा नहीं जाता : प्रधानमंत्री

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को कहा कि उनका मासिक रेडियो संबोधन 'मन की बात' अराजनैतिक है और इस कार्यक्रम में उनकी या सरकार की प्रशंसा नहीं की जाती है

मन की बात अराजनैतिक, इसमें सरकार या मोदी को सराहा नहीं जाता : प्रधानमंत्री
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नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को कहा कि उनका मासिक रेडियो संबोधन 'मन की बात' अराजनैतिक है और इस कार्यक्रम में उनकी या सरकार की प्रशंसा नहीं की जाती है। उन्होंने कहा कि उन्होंने इसके जरिए समाज से जुड़े प्रासंगिक मुद्दे उठाए हैं। उन्होंने कहा, " कुछ युवा दोस्तों ने मन की बात कार्यक्रम के दौरान उठाए गए कई विषयों पर अध्ययन किया.. उनका एक निष्कर्ष यह था कि यह कार्यक्रम गैर राजनीतिक बना रहा। जब इसकी घोषणा हुई थी, तभी मैंने निश्चय किया था कि इस कार्यक्रम में कुछ भी राजनीतिक बातें नहीं की जाएंगी। सरकार या मोदी को सराहा नहीं जाएगा।"

उन्होंने रेडियो कार्यक्रम के पचासवें एपिसोड में कहा, "मन की बात सरकार के बारे में नहीं है, यह समाज के बारे में है। यह आकांक्षापूर्ण और महत्वाकांक्षी भारत को संबोधित करती है। भारत का मूल प्राण राजनीति या राजशक्ति नहीं बल्कि सामाजिक मूल्य और समाज है।"

प्रधानमंत्री ने यह बात ऐसे समय कही है जब कांग्रेस ने कई अवसरों पर चुनाव के दौरान 'मन की बात' पर विराम लगाने का चुनाव आयोग से आग्रह किया है। पार्टी ने कहा है कि इस कार्यक्रम के सहारे मतों को मोदी के पक्ष में किया जा सकता है।

उन्होंने कहा, "मोदी आएगा और जाएगा, लेकिन यह देश अपनी एकता और स्थायित्व को कभी जाने नहीं देगा। हमारी संस्कृति हमेशा अमिट बनी रहेगी।"

मोदी ने कहा, "सच्चाई यह है कि अगर एक नेता को माइक्रोफोन पकड़ा दिया जाए और उसके पास लाखों की संख्या में श्रोता हो, तो उसे और क्या चाहिए?"

उन्होंने कुछ 'युवा दोस्तों' द्वारा किए गए 'लेक्सिकल स्टडी' (बोले गए शब्दों का अध्ययन) का हवाला दिया जिसमें 'मन की बात' के कई एपिसोड के दौरान असंख्य विषयों पर अध्ययन किया गया और जिसका एक निष्कर्ष यह निकला कि कार्यक्रम राजनीति से दूर बना हुआ है।

उन्होंने कहा कि उनका संबोधन जनसामान्य की प्रतिभा और कार्यो को सम्मान और पहचान देने का 'नम्र और छोटा' सा प्रयास है।

उन्होंने कहा, "कुछ लोग आश्चर्य जता सकते हैं कि मुझे मन की बात कार्यक्रम से क्या मिलता है। मुझे तब जबरदस्त संतुष्टि मिलती है, जब लोग कहते हैं कि वे अपने परिजनों के साथ मिलकर 'मन की बात' सुनते हैं, वे महसूस करते हैं कि परिवार का कोई बड़ा सदस्य अपने विचारों को साझा कर रहा है।"

मोदी ने कहा, "जब मैं ऐसी बातों को सुनता हूं तो मुझे यह जानकर संतुष्टि मिलती है कि मैं आपका हूं। मैं आपमें से ही एक हूं, मैं आपके साथ हूं और वह आप हैं जिसने मुझे इस स्थान तक पहुंचाया है। आपका सुख और दुख, मेरा भी सुख-दुख है। आपकी आकांक्षा मेरी आकांक्षा है, आपकी महत्वाकांक्षा, मेरी महत्वाकांक्षा है।"

प्रधानमंत्री ने कहा कि अगर युवाओं को उनके विचार के मुताबिक काम करने के लिए एक सहायक माहौल दिया जाए तो देश में एक सकारात्मक और रचनात्मक बदलाव लाया जा सकता है।

उन्होंने कहा, "आज के युवाओं में एक विशेष गुण है, वे जबतक किसी चीज पर विश्वास नहीं करते, तबतक कुछ नहीं करते लेकिन जब वे किसी चीज में विश्वास करते हैं तो, वे सबकुछ छोड़कर उसका पीछा करते हैं।"

मोदी ने कहा कि यह चिंता का विषय है कि किशोरों के साथ बिना किसी अपेक्षा के खुली बहस की प्रथा पर कम अमल हो रहा है।

प्रधानमंत्री ने अपने रेडियो संबोधन में सिख धर्म के संस्थापक गुरुनानक और दलितों के महान नेता बी.आर अंबेडकर को भी याद किया।

मोदी ने कहा, "कल (26 नवंबर को) संविधान दिवस है। उन महान विभूतियों को याद करने का दिन जिन्होंने हमारा संविधान बनाया.. जिनमें से एक बाबा साहब भीमराव अंबेडकर थे, जिनकी पुण्यतिथि 6 दिसंबर को है।

पहले सिख गुरु नानक देव को याद करते हुए मोदी ने कहा कि अगले वर्ष यानी 2019 में हम उनका 550वां प्रकाश-पर्व मनाने जा रहे हैं। सरकार ने इसके भव्य आयोजन के लिए विशेष इंतजाम करने का फैसला किया है।

प्रधानमंत्री ने कहा, "गुरु नानक जी से जुड़े पवित्र स्थलों के मार्ग पर एक ट्रेन भी चलाई जाएगी। सरकार ने करतारपुर गलियारा बनाने का एक महत्वपूर्ण निर्णय किया है ताकि हमारे देश के यात्री आसानी से पाकिस्तान के करतारपुर में गुरु नानक देव जी के पवित्र स्थल का दर्शन कर सकें।


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