सरगुजा में कुपोषण का आंकड़े चिंताजनक
सरगुजा में कुपोषित की स्थिति थमने का नाम नही ले रही है
अंबिकापुर। सरगुजा में कुपोषित की स्थिति थमने का नाम नही ले रही है। लगातार शासन व प्रशासनिक कवायद के बाद भी कुपोषण का आंकड़ा चिंताजनक बना हुआ है।
मेडिकल कॉलेज अस्पताल स्थित पूरक पोषण पुनर्वास केंद्र की बात करें तो वर्ष 2010 अक्टूबर से लेकर अब तक यहां 1682 गंभीर कुपोषित बच्चे आ चुके हैं, जिनमें 1145 बच्चे लाभान्वित हुये हैं। कहा जा सकता है कि लगभग 71 प्रतिशत बच्चों को इस पुर्नवास केंद्र से लाभ पहुंचा है।
पुर्नवास केंद्र की मानें तो अभी भी गंभीर कुपोषित बच्चे केंद्र में पहुंच रहे हैं। सरगुजा के कई क्षेत्रों से बच्चों के आने का सिलसिला लगातार जारी है। कुपोषित बच्चों का होना क्षेत्र के आंगनबाड़ी केंद्रों पर भी कई सवाल उठाता है। इन केंद्रो से गर्भवती माताओं व बच्चों को पोषण आहार देने की योजना है, परंतु कागजों में चल रही इन योजनाओं की देख-रेख करने वाला कोई जिम्मेदार नहीं होने से सरगुजा के बच्चों में कुपोषण की स्थिति नहीं सुधर पा रही है। पूर्व में कई अधिकारियों व जनप्रतिनिधियों सहित सामाजिक संस्थाओं द्वारा कई कुपोषित बच्चों को गोद लेकर उनकी स्थिति सुधारे जाने की भी कवायद की गई थी, परंतु वह कवायद भी कब तक चली और कब खत्म हो गई यह कह पाना सही नहीं होगा।
पूरक पोषण पुनर्वास केंद्र की डाईटेशियन श्रीमती किरण ने बताया कि यहां केंद्र में बच्चों के शारीरिक ग्रोथ को सुधारने के अलावा मानसिक रूप से भी सशक्त बनाने का कार्य किया जाता है। बच्चों के साथ खिलौने बनवाने व खेलने से बच्चों का मानसिक विकास होता है। उनका यह भी कहना था कि 20 बिस्तरीय इस पुर्नवास केंद्र में वर्ष 2010 अक्टूबर से लेकर अब तक लगातार बच्चों का आना लगा हुआ है।


