आज जनता इस सरकार से न्याय-जवाबदेही की नहीं कर सकती उम्मीद, यह राष्ट्रीय दुर्भाग्य की बात : प्रियंका चतुर्वेदी
संसद का शीतकालीन सत्र में मंगलवार को राज्यसभा में राष्ट्रीय गीत वंदे मातरम और लोकसभा में चुनाव सुधारों पर चर्चा हो रही है। शिवसेना (यूबीटी) सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने इस चर्चा को महत्वपूर्ण बताते हुए सरकार पर आरोप लगाया कि वे मतदाताओं के अधिकार को कमजोर कर रही है

मतदाताओं के अधिकार को कमजोर कर रही सरकार: प्रियंका चतुर्वेदी
नई दिल्ली। संसद का शीतकालीन सत्र में मंगलवार को राज्यसभा में राष्ट्रीय गीत वंदे मातरम और लोकसभा में चुनाव सुधारों पर चर्चा हो रही है। शिवसेना (यूबीटी) सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने इस चर्चा को महत्वपूर्ण बताते हुए सरकार पर आरोप लगाया कि वे मतदाताओं के अधिकार को कमजोर कर रही है।
शिवसेना (यूबीटी) सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने मीडिया से बात करते हुए कहा, "यह अच्छी बात है कि एसआईआर (विशेष गहन पुनरीक्षण) पर चर्चा हो रही है। जिस तरह से बीएलओ के साथ बर्ताव किया जा रहा है, लोगों के वोटिंग अधिकारों को कमजोर किया जा रहा है और वोटर्स को गलत तरीके से जोड़ा या हटाया जा रहा है, इन मुद्दों पर ध्यान देने की जरूरत है। लोकसभा में लोकसभा के नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी इस मुद्दे को उठाएंगे, जैसा कि उन्होंने लगातार किया है।"
भारत के राष्ट्रीय गीत वंदे मातरम के 150 साल पूरे होने पर हो रही विशेष चर्चा को लेकर उन्होंने कहा, "सत्र की शुरुआत में कहा गया था कि सांसद वंदे मातरम या जय हिंद जैसे नारे नहीं लगा सकते। इससे ज्यादा देश विरोधी काम और कोई नहीं हो सकता। मैंने अपनी पार्टी लीडरशिप के साथ मिलकर तुरंत चेयरपर्सन को इस नोटिफिकेशन को वापस लेने के लिए लिखा और हमें भरोसा दिलाया गया कि इसे रद्द कर दिया जाएगा।"
शिवसेना (यूबीटी) सांसद ने कहा, "आजकल इतिहास के कुछ नए पन्नों की व्याख्या की जा रही है। वंदे मातरम हमारे देश की आत्मा है। यह एक ऐसा नारा है जिसने देश को एकजुट किया है, इतिहास बनाया है और हमारे उन सैनिकों को भी प्रेरित किया है जिन्होंने अपनी जान कुर्बान कर दी। इसका सम्मान न करने से ज्यादा देश विरोधी कुछ भी नहीं हो सकता।"
इंडिगो फ्लाइट में देरी और कैंसिलेशन पर प्रियंका चतुर्वेदी ने कहा, "मुझे बहुत निराशा हुई। उन्हें (इंडिगो को) जवाबदेह ठहराने के बजाय उनका बचाव किया गया, जबकि बार-बार फ्लाइट कैंसिल होने की वजह से यात्रियों को एयरपोर्ट पर गंभीर दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। डीजीसीए और नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने कोई कार्रवाई नहीं की है। नियमों का बार-बार उल्लंघन किया गया है। आज जनता इस सरकार से न्याय या जवाबदेही की उम्मीद नहीं कर सकती। यह राष्ट्रीय दुर्भाग्य की बात है।"


