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हिजाब विवाद : विश्व हिंदू परिषद ने बुर्का बैन की मांग की, कांग्रेस नेता हुसैन दलवई ने इसे समाज को बांटने की साजिश बताया

बिहार में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा महिला का बुर्का हटाने की कोशिश से मचे बवाल के बीच विश्व हिंदू परिषद ने बुर्का बैन की मांग की है। महाराष्ट्र कांग्रेस के नेता हुसैन दलवई ने गुरुवार को इस मांग को समाज को बांटने की साजिश बताया

हिजाब विवाद : विश्व हिंदू परिषद ने बुर्का बैन की मांग की, कांग्रेस नेता हुसैन दलवई ने इसे समाज को बांटने की साजिश बताया
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हुसैन दलवई ने बुर्के को बैन करने की मांग को बताया समाज को बांटने की साजिश

मुंबई। बिहार में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा महिला का बुर्का हटाने की कोशिश से मचे बवाल के बीच विश्व हिंदू परिषद ने बुर्का बैन की मांग की है। महाराष्ट्र कांग्रेस के नेता हुसैन दलवई ने गुरुवार को इस मांग को समाज को बांटने की साजिश बताया।

कांग्रेस नेता हुसैन दलवई ने समाचार एजेंसी से बात करते हुए कहा, "आजकल ऐसी मांगें बार-बार उठाई जा रही हैं और लोग ऐसे बयान देते रहते हैं। उत्तर भारत में महिलाओं से जुड़ी प्रथाओं पर बैन लगाने की बातें हो रही हैं। लोगों में अशांति फैलाने और समाज को बांटने के लिए जानबूझकर ऐसे बयान देना पूरी तरह गलत है।"

दलवई ने केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के बचाव करने और देश में कानून का राज होने के बयान पर निशाना साधा। उन्होंने कहा, "वे ऐसे कई बयान देते हैं। एक मंत्री ने तो यह भी कहा कि सिर्फ बुर्के को ही क्यों निशाना बनाया जा रहा है और दूसरे कपड़ों को क्यों नहीं।

हुसैन दलवई ने सवाल किया कि ऐसे घटिया बयान दिए जाते हैं। वह किसी की बहन है। क्या वे अपनी पत्नी या बहन के बारे में ऐसा बोलना पसंद करेंगे? मैं ऐसा नहीं करूंगा।"

दरअसल, गिरिराज सिंह ने कहा कि नीतीश कुमार ने कोई गलत काम नहीं किया है, अगर कोई नियुक्ति पत्र लेने जा रहा है तो क्या वह चेहरा नहीं दिखाएगा? नीतीश कुमार ने एक अभिभावक की हैसियत से ये किया है। क्या लोग पासपोर्ट लेने जाते हैं या एयरपोर्ट पर जाते हैं तो क्या चेहरा नहीं दिखाते? भारत में कानून का राज चलेगा, नीतीश कुमार ने ठीक किया।

वहीं विश्व हिंदू परिषद के बुर्का बैन करने की मांग पर समाजवादी पार्टी ने भी कड़ा विरोध किया। सपा सांसद इकरा हसन ने कहा, "मेरी जानकारी के अनुसार, देश अभी संविधान के अनुसार चलता है। यह एक आजाद देश है और हम स्वतंत्र भारत के आजाद नागरिक हैं। हमारे अधिकार संविधान ने दिए हैं।"

उन्होेने कहा, "वे कौन होते हैं यह तय करने वाले कि हमें कैसे रहना चाहिए, हमें क्या करना चाहिए या नहीं करना चाहिए? उनके पास ऐसा कोई अधिकार नहीं है। कोई भी व्यक्ति ये अधिकार नहीं देता। हर कोई अपनी मर्जी से अपना संगठन चलाने के लिए आजाद हैं। हम किसी के नियंत्रण में नहीं हैं।"


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