महाराष्ट्र स्थानीय निकाय चुनाव में विवाद : फॉर्म 'ए' और 'बी' पर डिजिटल हस्ताक्षर को लेकर आपत्ति दर्ज, कई उम्मीदवारों की अयोग्यता की मांग
महाराष्ट्र में चल रहे स्थानीय निकाय चुनावों (नगर परिषद, नगर पंचायत और अन्य निकायों) के बीच एक नया विवाद सामने आया है। फॉर्म 'ए' और फॉर्म 'बी' (जो राजनीतिक दलों द्वारा उम्मीदवारों को अधिकृत करने और प्रतीक आवंटन के लिए जारी किए जाते हैं) पर डिजिटल हस्ताक्षर के अनधिकृत उपयोग को लेकर राज्य चुनाव आयोग को औपचारिक आपत्ति दर्ज कराई गई है

महाराष्ट्र स्थानीय निकाय चुनाव में बड़ा विवाद : फॉर्म 'ए' और 'बी' पर डिजिटल हस्ताक्षर को लेकर आपत्ति
मुंबई। महाराष्ट्र में चल रहे स्थानीय निकाय चुनावों (नगर परिषद, नगर पंचायत और अन्य निकायों) के बीच एक नया विवाद सामने आया है। फॉर्म 'ए' और फॉर्म 'बी' (जो राजनीतिक दलों द्वारा उम्मीदवारों को अधिकृत करने और प्रतीक आवंटन के लिए जारी किए जाते हैं) पर डिजिटल हस्ताक्षर के अनधिकृत उपयोग को लेकर राज्य चुनाव आयोग को औपचारिक आपत्ति दर्ज कराई गई है।
एक विस्तृत शिकायत पत्र में मांग की गई है कि ऐसे फॉर्मों को अमान्य घोषित कर संबंधित उम्मीदवारों के नामांकन अस्वीकार किए जाएं और उन्हें अयोग्य ठहराया जाए। शिकायतकर्ता ने राज्य चुनाव आयुक्त, महाराष्ट्र राज्य चुनाव आयोग को संबोधित पत्र में कहा है कि कई राजनीतिक दलों ने आयोग द्वारा निर्धारित प्रक्रिया का पालन नहीं किया।
आयोग के नियमों के अनुसार, फॉर्म 'ए' (पार्टी द्वारा उम्मीदवार को अधिकृत करने वाला) और फॉर्म 'बी' (प्रतीक आवंटन) पर मान्यता प्राप्त राजनीतिक दल के अधिकृत पदाधिकारी द्वारा भौतिक (हस्तलिखित) हस्ताक्षर अनिवार्य हैं। डिजिटल या कम्प्यूटरीकृत हस्ताक्षर का उपयोग किसी भी नियम, अधिसूचना या निर्देश में अधिकृत नहीं है।
पत्र में तर्क दिया गया है कि डिजिटल हस्ताक्षर का इस्तेमाल एक गंभीर प्रक्रियात्मक अनियमितता है, जो चुनावी प्रक्रिया की पवित्रता, पारदर्शिता और प्रामाणिकता पर सीधा प्रहार करता है। इससे संबंधित उम्मीदवारों को गैरकानूनी लाभ मिलता है, भविष्य के चुनावों के लिए खतरनाक मिसाल कायम होती है और आयोग के नियमों की बाध्यकारी प्रकृति कमजोर पड़ती है।
शिकायतकर्ता ने मांग की है कि आयोग तुरंत निम्न कार्रवाई करे :
सभी दलों द्वारा डिजिटल हस्ताक्षर से जारी/सत्यापित फॉर्म 'ए' और 'बी' को अस्वीकार कर अमान्य घोषित किया जाए; ऐसे अमान्य फॉर्म पर आधारित नामांकन दाखिल करने वाले उम्मीदवारों के नामांकन अस्वीकार कर उन्हें अयोग्य ठहराया जाए; सभी रिटर्निंग अधिकारियों को सख्त निर्देश जारी कर प्रक्रिया का पालन सुनिश्चित किया जाए; स्वतंत्र, निष्पक्ष और कानूनी चुनावों के हित में अन्य आवश्यक आदेश पारित किए जाएं।


