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महाराष्ट्र में सरकार बनाने का दावा पेश करेगा महागठबंधन

राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा), शिवसेना और कांग्रेस अपने नेता के तौर पर उद्धव ठाकरे को चुनने के बाद राज्यपाल बी. एस. कोशियारी के सामने महाराष्ट्र में सरकार बनाने का दावा पेश करेंगी

महाराष्ट्र में सरकार बनाने का दावा पेश करेगा महागठबंधन
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मुंबई। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा), शिवसेना और कांग्रेस अपने नेता के तौर पर उद्धव ठाकरे को चुनने के बाद राज्यपाल बी. एस. कोशियारी के सामने महाराष्ट्र में सरकार बनाने का दावा पेश करेंगी। राकांपा के प्रवक्ता नवाब मलिक ने यहां संवाददाताओं से कहा, "ठाकरे के हमारे नेता के रूप में चुने जाने के बाद हम राज्यपाल से सरकार बनाने का दावा करने के लिए जाएंगे।"

मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के राज्यपाल से मुलाकात करने और अपना इस्तीफा सौंपने के तुरंत बाद मलिक का बयान आया। फडणवीस ने शनिवार सुबह मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली थी। उनके साथ ही शरद पवार के भतीजे व राकांपा नेता अजित पवार ने उप मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी।

भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की निंदा करते हुए मलिक ने कहा कि फडणवीस का इस्तीफा महाराष्ट्र की 11 करोड़ जनता की जीत है। उन्होंने कहा, "भाजपा का मानना था कि वह सत्ता में होगी और नियमों का पालन भी नहीं करेगी, लेकिन वह ध्वस्त हो गई।"

मलिक ने कहा कि राकांपा-शिवसेना-कांग्रेस सरकार बिना किसी परेशानी के पांच साल तक चलेगी।

राकांपा सुप्रीमो शरद पवार को राजनीति का असली चाणक्य बताते हुए मलिक ने केंद्रीय गृह मंत्री और भाजपा प्रमुख अमित शाह पर कटाक्ष किया और कहा, "महाराष्ट्र ने दिखा दिया है कि राजनीति का असली चाणक्य कौन है।"

राज्यपाल द्वारा शनिवार को मुख्यमंत्री के रूप में फडणवीस को शपथ ग्रहण कराने के बाद राकांपा के साथ ही शिवसेना व कांग्रेस भी स्तब्ध रह गई थीं। इसके बाद तीनों दलों ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया।

इससे पहले शीर्ष अदालत ने तमाम दावों पर विचार करने के बाद बुधवार को विधानसभा में फ्लोर टेस्ट करने का अंतरिम आदेश पारित किया।

अदालत ने आदेश दिया कि फ्लोर टेस्ट के दौरान कोई गुप्त मतदान नहीं होगा और कार्यवाही को सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुसार लाइव टेलीकास्ट किया जाएगा।

विधानसभा चुनाव में भाजपा ने 105 सीटें जीती थीं और उसकी गठबंधन सहयोगी शिवेसना को 56 सीटें मिली थीं।

शिवसेना द्वारा मुख्यमंत्री पद की मांग के बाद 30 वर्ष पुराना यह गठबंधन टूट गया।

कांग्रेस और राकांपा ने चुनावों में क्रमश: 44 और 54 सीटें जीती थीं।


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