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बच्चों के खान-पान वाले धर्मेंद्र प्रधान के बयान पर जीतू पटवारी ने साधा निशाना, कहा- राज्य में कुपोषण, गरीबी और बेरोजगारी है

केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान द्वारा बच्चों के खान-पान को लेकर दिए गए बयान पर मध्य प्रदेश कांग्रेस ने निशाना साधा। कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष जीतू पटवारी ने कहा कि राज्य में कुपोषण, गरीबी और बेरोजगारी है

बच्चों के खान-पान वाले धर्मेंद्र प्रधान के बयान पर जीतू पटवारी ने साधा निशाना, कहा- राज्य में कुपोषण, गरीबी और बेरोजगारी है
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मध्य प्रदेश की शिक्षा व्यवस्था पर जीतू पटवारी ने केंद्र और राज्य सरकारों को घेरा

भोपाल। केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान द्वारा बच्चों के खान-पान को लेकर दिए गए बयान पर मध्य प्रदेश कांग्रेस ने निशाना साधा। कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष जीतू पटवारी ने कहा कि राज्य में कुपोषण, गरीबी और बेरोजगारी है।

दरअसल, केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने भोपाल के प्रवास के दौरान कहा था कि राज्य के डेढ़ करोड़ बच्चों में से 50 लाख बच्चे ऐसे होंगे, जिन्होंने फल सेब नहीं देखा होगा और अगर देखा होगा तो बाजार में।

उनके इसी बयान पर मध्य प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष जीतू पटवारी ने पलटवार करते हुए कहा कि प्रदेश की शिक्षा व्यवस्था, बेरोजगारी, गरीबी और कुपोषण को लेकर पिछले कई वर्षों से अनेक एजेंसियों और शोध संस्थानों ने गंभीर रिपोर्टें प्रकाशित की हैं। यह भी बताया है कि किस तरह मध्य प्रदेश का शिक्षा ढांचा टूट चुका है और बच्चों को भोजन, किताब, शिक्षक और मूलभूत सुविधाएं भी पर्याप्त रूप से उपलब्ध नहीं हैं। कुछ दिन पहले राहुल गांधी ने भी सोशल मीडिया के माध्यम से देश को यह कटु सच्चाई दिखाई कि मध्य प्रदेश के सरकारी स्कूलों के बच्चों को मिड-डे मील का भोजन कागजों पर परोसा जा रहा है। यह तस्वीर किसी व्यवस्था की खामी नहीं, बल्कि पूरे प्रशासनिक ढांचे की असफलता और संवेदनहीनता की शर्मनाक कहानी है।

उन्होंने प्रदेश कार्यालय में संवाददाताओं को संबोधित करते हुए कहा कि सरकार अपने बजट दस्तावेज में यह दावा करती है कि बच्चों को प्रतिदिन 12 रुपए पोषण के लिए दिए जाते हैं, लेकिन उसी में गायों के खाने पर प्रतिदिन 40 रुपए का खर्च दिखाया जाता है। आज स्थिति यह है कि सरकार के कागजों में गायों को 40 रुपए रोजाना दिए जा रहे हैं, लेकिन सच यह है कि बच्चे कुपोषण से जूझ रहे हैं और गायें भी गौशालाओं में दम तोड़ने को मजबूर हैं। यह एक ऐसे शासन का चित्र है जिसमें न मानव जीवन की कीमत है और न ही पशु जीवन की, केवल बजट का खेल और फाइलों का हेरफेर ही दिखाई देता है।

कांग्रेस नेता जीतू पटवारी ने कहा कि उन्होंने प्रदेश की जनता को बता दिया है कि शिक्षा व्यवस्था में जो अंधकार फैला है, वह सिर्फ प्रशासनिक गलती नहीं बल्कि सत्ता की उदासीनता और भ्रष्टाचार का परिणाम है। आज यह भी सत्य है कि शिशु मृत्यु दर में मध्य प्रदेश पूरे देश में नंबर एक पर है, कुपोषण और स्वास्थ्य सेवाओं की स्थिति भयावह है, और यह जानकर भी सरकार न सुनवाई करती है, न कोई जांच कराती है, न कोई कदम उठाती है।

उन्होंने आरोप लगाया कि राज्य के 56 लाख बच्चे शिक्षा व्यवस्था से गायब हो गए हैं। सरकारी रिपोर्ट के मुताबिक राज्य में वर्ष 2017-18 में एक करोड़ 60 लाख बच्चे पहली से 12वीं कक्षा तक में थे, मगर वर्ष 2024-25 में यह संख्या घटकर एक करोड़ चार लाख ही रह गई। इस तरह सात साल में 56 लाख बच्चे शिक्षा व्यवस्था से लापता हैं।


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