Top
Begin typing your search above and press return to search.

लोजपा को भाजपा सरकार पर भरोसा

एससी/एसटी अधिनियम को मजबूत करने के लिए अध्यादेश लाने और एनजीटी के अध्यक्ष को हटाने को लेकर केंद्र सरकार को अल्टीमेटम देने के बाद, लोजपा ने कहा कि उसे भाजपा की अगुआई वाली सरकार में विश्वास है

लोजपा को भाजपा सरकार पर भरोसा
X

नई दिल्ली। अनुसूचित जाति/जनजाति (एससी/एसटी) अधिनियम को मजबूत करने के लिए अध्यादेश लाने और राष्ट्रीय हरित न्यायाधिकरण (एनजीटी) के अध्यक्ष को हटाने को लेकर केंद्र सरकार को अल्टीमेटम देने के बाद, लोक जनशक्ति पार्टी (लोजपा) ने सोमवार को कहा कि उसे भाजपा की अगुआई वाली सरकार में विश्वास है और उनकी मांगे पूरी की जाएंगी। पार्टी के सांसद और केंद्रीय मंत्री राम विलास पासवान के बेटे चिराग पासवान ने कहा, "मैंने शुक्रवार को कहा था कि हम सरकार के विरुद्ध नहीं हैं। हमें चिंता करने की जरूरत नहीं है, क्योंकि सरकार ने अभी तक हमारी सारी मांगों को मान लिया है, चाहे वह आरक्षण से जुड़ा हुआ हो या यूजीसी से जुड़ा हुआ।"

चिराग पासवान ने कहा, "हमें अपनी सरकार पर पूरा भरोसा है। हमें उम्मीद है कि समय आने पर इन मांगों को पूरा किया जाएगा। मैं उम्मीद करता हूं कि सरकार एक-दो दिन में उपयुक्त कदम उठाएगी।"

बिहार में जमुई से सांसद चिराग पासवान ने कहा कि कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों द्वारा गलत धारणा फैलाई रही है कि राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) की सरकार एससी/एसटी समुदायों के खिलाफ है।

पासवान ने कहा, "कांग्रेस केंद्र में मौजूद राजग सरकार की छवि को दलित विरोधी के रूप में खराब करना चाहती है। उनके नेता (मल्लिकार्जुन) खड़गे संसद में अनुसूचित जाति/ जनजाति के मुद्दों पर सवाल उठाते हैं, जबकि एक अन्य नेता अश्विनी कुमार एनजीटी के अध्यक्ष ए.के. गोयल का समर्थन करते हैं, जिन्होंने पहले (सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश के रूप में) एससी/एसटी अधिनियम को कमजोर किया था।"

पासवान ने कहा, "मैं मांग करता हूं कि राहुल गांधी इन मुद्दों पर अपना पक्ष स्पष्ट करें। क्या वह गोयल के हटाने की मांग का समर्थन करते हैं?"

उन्होंने सभी विपक्षी दलों से भी इस मुद्दे पर अपना रुख साफ करने के लिए कहा।

इस मुद्दे पर चुप मायावती पर आरोप लगाते हुए उन्होंने कहा, "उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री के रूप में उन्होंने 2007 में एक आदेश जारी किया था कि एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी द्वारा मामले की जांच किए बिना अत्याचार के मामले में गिरफ्तारी नहीं की जा सकती। इसके अलावा, मेडिकल जांच होने तक मामला भी दर्ज नहीं किया जा सकता। उन्होंने उस समय जो किया और (न्यायमूर्ति) गोयल ने जो आदेश दिए, उसमें समानताएं हैं।"


Next Story

Related Stories

All Rights Reserved. Copyright @2019
Share it