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तीन करोड़ प्रवासी वोटरों की अनदेखी कर रही सरकार : राजेश कुमार

बिहार कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष राजेश कुमार ने राज्य और केंद्र सरकार पर जमकर निशाना साधा

तीन करोड़ प्रवासी वोटरों की अनदेखी कर रही सरकार : राजेश कुमार
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पटना। बिहार कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष राजेश कुमार ने राज्य और केंद्र सरकार पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने आईएएनएस से बातचीत में मतदाता पुनरीक्षण के संबंध में कहा कि बिहार से पलायन कर देश के अन्य राज्यों में काम कर रहे करीब तीन करोड़ मजदूरों और कामगारों के नाम वोटर लिस्ट से गायब हो सकते हैं, जिससे वे आगामी विधानसभा चुनावों में मतदान से वंचित रह जाएंगे। उन्होंने इसे लोकतंत्र के लिए खतरनाक बताते हुए कहा कि चुनाव आयोग और सरकार को इस पर तुरंत गंभीरता से कार्रवाई करनी चाहिए।

राजेश कुमार ने सवाल उठाया कि जब 6 जनवरी 2025 को वोटर लिस्ट का अंतिम प्रकाशन हो चुका है, तो सरकार 25 दिन में उन तीन करोड़ प्रवासी लोगों के नाम कैसे जोड़ेगी? उन्होंने कहा कि दिल्ली, पंजाब, हरियाणा, महाराष्ट्र जैसे राज्यों में बड़ी संख्या में बिहार के लोग रोजगार के लिए गए हुए हैं, लेकिन सरकार की व्यवस्था ऐसी है कि वे चाहकर भी अपने गांव जाकर मतदान नहीं कर सकते।

उन्होंने बताया कि खुद वे हाल ही में दिल्ली के कुछ इलाकों में बिहार के कामगारों से मिले थे। वहां उन्हें लोगों ने बताया कि वे वोट देने आना चाहते हैं, लेकिन ट्रेन की टिकट तक नहीं मिल रही। 15 दिन की वेटिंग चल रही है। ऐसे में सवाल ये उठता है कि क्या सरकार चाहती ही नहीं कि ये लोग वोट दें?

कांग्रेस अध्यक्ष ने वोटर लिस्ट में नाम जोड़ने की प्रक्रिया पर भी सवाल उठाया। उन्होंने कहा कि जिन लोगों के पास आधार कार्ड, राशन कार्ड और वोटर आईडी पहले से हैं, उनके लिए प्रक्रिया सरल होनी चाहिए थी, लेकिन इसके बजाय सरकार ने 11 तरह के दस्तावेजों की शर्त रख दी है, जो आम प्रवासी मजदूरों के पास नहीं हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि यह सब जानबूझकर किया गया है ताकि इन लोगों को मतदान से वंचित किया जा सके।

राजेश कुमार ने कहा कि अगर सरकार को दस्तावेजों की जांच ही करनी थी तो ये प्रक्रिया लोकसभा चुनाव से पहले या तुरंत बाद पूरी कर ली जाती, लेकिन अब जब चुनाव नजदीक हैं, तब इन कड़े नियमों का लागू किया जाना संदेह पैदा करता है।

उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि सरकार तो "हसुआ के ब्याह में खुरपा का गीत गा रही है", यानी जहां जरूरत नहीं है, वहां उलझनें पैदा कर रही है।

बातचीत के दौरान उन्होंने बिहार में कानून-व्यवस्था की बिगड़ते हालत पर भी चिंता जताई। उन्होंने कहा कि राज्य में हालात इतने खराब हैं कि रोजाना तीन से चार हत्याएं, दुष्कर्म और अन्य गंभीर आपराधिक घटनाएं हो रही हैं। एफआईआर तक दर्ज नहीं हो रही। उन्होंने इसे “आपातकाल जैसी स्थिति” बताया और कहा कि बिहार में गुंडाराज कायम हो चुका है और सरकार पूरी तरह नाकाम है।

राजनीतिक गठबंधन को लेकर पूछे गए सवाल पर उन्होंने कहा कि इंडिया गठबंधन पूरी मजबूती से चुनाव की तैयारी कर रहा है और 243 सीटों पर पूरे दमखम से चुनाव लड़ेगा। उन्होंने कहा कि गठबंधन के अंदर किसी भी मुद्दे को लेकर कोई मतभेद नहीं है और हर स्तर पर सामंजस्य बनाकर तैयारी की जा रही है। उन्होंने बताया कि मल्लिकार्जुन खड़गे, राहुल गांधी और के.सी. वेणुगोपाल जैसे वरिष्ठ नेताओं से मार्गदर्शन लिया जा रहा है और अगली रणनीति पर चर्चा हो चुकी है।

प्रेस कॉन्फ्रेंस में तेजस्वी यादव द्वारा इस्तेमाल किए गए एक विवादास्पद शब्द को लेकर भी उन्होंने प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि चुनाव मुद्दों पर लड़े जाने चाहिए, न कि गालियों की प्रतियोगिता बननी चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि तेजस्वी यादव की भाषा शैली पर बीजेपी और अन्य दलों को जवाब देना चाहिए, लेकिन असल फोकस मुद्दों पर होना चाहिए।


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