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निवेशकों से 792 करोड़ की ठगी, ईडी ने एक और आरोपी को किया गिरफ्तार

प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के हैदराबाद जोनल ऑफिस ने कैपिटल प्रोटेक्शन फोर्स प्राइवेट लिमिटेड के चीफ ऑपरेटिंग ऑफिसर (मुख्य परिचालन अधिकारी) आर्यन सिंह को गिरफ्तार किया। केंद्रीय जांच एजेंसी ने आर्यन सिंह को विशेष पीएमएलए अदालत में पेश किया

निवेशकों से 792 करोड़ की ठगी, ईडी ने एक और आरोपी को किया गिरफ्तार
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792 करोड़ की ठगी: ईडी ने फाल्कन स्कीम के एक और आरोपी को दबोचा

  • कैपिटल प्रोटेक्शन फोर्स घोटाला : COO आर्यन सिंह गिरफ्तार
  • फर्जी इनवॉइस स्कीम से करोड़ों की ठगी, ईडी की बड़ी कार्रवाई
  • फाल्कन ऐप के जरिए निवेशकों से धोखा, मास्टरमाइंड का सहयोगी गिरफ्तार
  • पीएमएलए जांच में नया मोड़: आर्यन सिंह को 14 दिन की न्यायिक हिरासत

हैदराबाद। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के हैदराबाद जोनल ऑफिस ने कैपिटल प्रोटेक्शन फोर्स प्राइवेट लिमिटेड के चीफ ऑपरेटिंग ऑफिसर (मुख्य परिचालन अधिकारी) आर्यन सिंह को गिरफ्तार किया। केंद्रीय जांच एजेंसी ने आर्यन सिंह को विशेष पीएमएलए अदालत में पेश किया, जहां से उसे 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है।

यह कार्रवाई धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए), 2002 के प्रावधानों के तहत कैपिटल प्रोटेक्शन फोर्स प्राइवेट लिमिटेड, अमरदीप कुमार और अन्य के खिलाफ चल रही जांच के संबंध में की गई है।

साइबराबाद आर्थिक अपराध शाखा ने इस मामले में तीन एफआईआर दर्ज की थीं। इसके आधार पर ईडी ने जांच शुरू की, जिसमें आरोप लगाया गया था कि अमरदीप कुमार, कैपिटल प्रोटेक्शन फोर्स प्राइवेट लिमिटेड और अन्य ने अपने निवेश पर उच्च रिटर्न के बहाने निवेशकों को धोखा दिया। लिमिटेड ने 'फाल्कन इनवॉइस डिस्काउंटिंग स्कीम' के नाम पर निवेशकों को छूटे हुए इनवॉइस के आधार पर रिटर्न का वादा करके इनवॉइस डिस्काउंटिंग के लिए धनराशि उपलब्ध कराने के बहाने लुभाया, लेकिन उनकी निवेश राशि वापस नहीं की।

अमरदीप कुमार इस घोटाले का मास्टरमाइंड था और उसने निवेशकों से जमा राशि प्राप्त करने के लिए फाल्कन इनवॉइस ऐप विकसित किया। ईडी की जांच से पता चला कि वास्तव में इनवॉइस डिस्काउंटिंग का कोई कारोबार नहीं किया गया था और आरोपियों ने निवेशकों से लगभग 792 करोड़ रुपए की ठगी की।

ईडी की जांच से पता चला कि कैपिटल प्रोटेक्शन फोर्स प्राइवेट लिमिटेड के मुख्य परिचालन अधिकारी के रूप में आर्यन सिंह, मास्टरमाइंड अमरदीप कुमार के साथ मिलीभगत करके धोखाधड़ी वाली 'फाल्कन इनवॉइस डिस्काउंटिंग' स्कीम के संचालन का सक्रिय रूप से प्रबंधन कर रहा था। हालांकि आर्यन सिंह को इस तथ्य की पूरी जानकारी थी कि कोई वास्तविक व्यावसायिक गतिविधि नहीं चल रही थी, फिर भी उसने बेखबर निवेशकों को इस स्कीम में फंसाया।

आर्यन सिंह कर्मचारियों की एक टीम का प्रबंधन करता था, जिन्होंने न सिर्फ धोखाधड़ी वाले व्यवसाय को बढ़ावा दिया, बल्कि निवेशकों का विश्वास जीतने के लिए उनसे बातचीत भी की। उसने अमरदीप कुमार को निवेशित धन को अन्यत्र भेजने में भी मदद की और अपने पांच निजी बैंक खातों के साथ-साथ अपनी संस्था 'करोई (ओपीसी)' के बैंक खाते में 2.88 करोड़ रुपए की आपराधिक आय प्राप्त करके व्यक्तिगत रूप से लाभ उठाया।

ईडी ने पहले इस मामले में एक हॉकर 800ए विमान जब्त किया था और फिर 18.14 करोड़ रुपए की चल-अचल संपत्तियां कुर्क की थीं। इस मामले में केंद्रीय जांच एजेंसी ने संदीप कुमार (मुख्य आरोपी अमरदीप कुमार के भाई) और चार्टर्ड अकाउंटेंट शरद चंद्र तोशनीवाल को गिरफ्तार किया था।


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