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ईडी की प्रतिबंधित नक्सली संगठन पीएलएफआई पर बड़ी कार्रवाई, मनी लॉन्ड्रिंग में सुप्रीमो दिनेश गोप गिरफ्तार

जेल में बंद प्रतिबंधित नक्सली संगठन पीएलएफआई के सुप्रीमो दिनेश गोप को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने मनी लॉन्ड्रिंग मामले में गिरफ्तार किया

ईडी की प्रतिबंधित नक्सली संगठन पीएलएफआई पर बड़ी कार्रवाई, मनी लॉन्ड्रिंग में सुप्रीमो दिनेश गोप गिरफ्तार
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ईडी की बड़ी कार्रवाई: नक्सली सुप्रीमो दिनेश गोप मनी लॉन्ड्रिंग केस में गिरफ्तार

  • पीएलएफआई के आर्थिक नेटवर्क पर शिकंजा, करोड़ों की रंगदारी का खुलासा
  • शेल कंपनियों के जरिए टेरर फंडिंग: दिनेश गोप की गिरफ्तारी से खुली नक्सली फंडिंग की परतें
  • मनी लॉन्ड्रिंग में नक्सली सरगना गिरफ्तार, ईडी ने खोला करोड़ों के लेन-देन का जाल
  • दिनेश गोप की गिरफ्तारी से नक्सली फंडिंग का तंत्र बेनकाब, ईडी की जांच तेज

रांची। जेल में बंद प्रतिबंधित नक्सली संगठन पीएलएफआई के सुप्रीमो दिनेश गोप को बुधवार को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने मनी लॉन्ड्रिंग मामले में गिरफ्तार किया।

ईडी ने पीएमएलए (प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट) के तहत दिनेश गोप के खिलाफ इन्फोर्समेंट केस इंफार्मेशन रिपोर्ट (ईसीआईआर) दर्ज की थी।

इस मामले में बुधवार को कोर्ट में दिनेश गोप की वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से पेशी हुई और इसके बाद उसे इस मामले में 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेजा गया। दिनेश गोप को इसके पहले 21 मई 2023 को टेरर फंडिंग मामले में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने नेपाल से गिरफ्तार किया था।

गिरफ्तारी से पहले झारखंड सरकार ने उस पर 25 लाख रुपए और एनआईए ने पांच लाख रुपए का इनाम घोषित किया था। फिलहाल, वह पलामू सेंट्रल जेल में बंद है।

ईडी ने जुलाई 2023 में लगातार दो दिन तक दिनेश गोप से पूछताछ की थी। एजेंसी अब उसके लेवी-रंगदारी नेटवर्क, फंडिंग और निवेश की जानकारी जुटा रही है। जांच में सामने आया कि उसने करोड़ों की रकम शेल कंपनियों और सहयोगी व्यवसायियों की मदद से खपाई थी।

एनआईए ने 2018 में रांची के बेड़ो थाने में प्राथमिकी दर्ज की थी। नवंबर 2016 में पुराने नोटों के बंद होने के बाद, दिनेश गोप का सहयोगी 25.38 लाख रुपए बैंक में जमा कराने के प्रयास में पकड़ा गया था।

जांच में उसके रांची स्थित फ्लैट और एदलहातू आवास को भी जब्त किया गया था, जिनकी कीमत करीब एक करोड़ रुपए आंकी गई। ईडी की पूछताछ के दौरान दिनेश गोप ने स्वीकार किया कि उसने शेल कंपनियों के जरिए लेवी-रंगदारी की रकम निवेश की।

इन कंपनियों में मेसर्स भाव्या इंजीकान प्राइवेट लिमिटेड, शिव शक्ति मिनरल्स प्राइवेट लिमिटेड, शक्ति समृद्धि इंफ्रा प्राइवेट लिमिटेड और पलक इंटरप्राइजेज शामिल हैं। इनका संचालन उनकी पत्नियां शकुंतला देवी और गीता तथा सहयोगी सुमंत कुमार कर रहे थे। एनआईए ने उसकी पत्नियों के बैंक खातों से 19.93 लाख रुपए जब्त किए थे।

जांच में दो दर्जन से अधिक खातों में 2.5 करोड़ रुपए के लेन-देन का खुलासा हुआ। ईडी अब पूरे वित्तीय तंत्र, लेवी-रंगदारी और निवेश के नेटवर्क की विस्तृत जांच कर रही है।


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