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बाइक बोट घोटाले में ईडी का बड़ा एक्शन, ₹394.42 करोड़ की संपत्तियां कुर्क

बाइक बोट घोटाला मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की स्पेशल टास्क फोर्स ने बड़ी कार्रवाई की

बाइक बोट घोटाले में ईडी का बड़ा एक्शन, ₹394.42 करोड़ की संपत्तियां कुर्क
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धन शोधन मामले में ईडी की सख्ती, शैक्षणिक ट्रस्टों की संपत्तियां जब्त

  • बाइक टैक्सी की आड़ में पोंजी स्कीम, ईडी ने कुर्क की करोड़ों की संपत्ति
  • ईडी की स्पेशल टास्क फोर्स का बड़ा कदम, मेरठ में अचल संपत्तियों पर कार्रवाई
  • 394 करोड़ की कुर्की के बाद घोटाले की परतें खुलीं, निवेशकों से धोखाधड़ी का खुलासा

नई दिल्ली। बाइक बोट घोटाला मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की स्पेशल टास्क फोर्स ने बड़ी कार्रवाई की। उन्होंने धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए), 2002 के प्रावधानों के तहत 394.42 करोड़ रुपए से अधिक मूल्य की अचल और चल संपत्तियों को अस्थायी रूप से कुर्क किया है। ये संपत्तियां कामाख्या एजुकेशनल एंड सोशल वेलफेयर ट्रस्ट, कामाख्या एजुकेशनल सोसायटी, गुरु नानक चैरिटेबल ट्रस्ट, अल्पाइन टेक्निकल एजुकेशन सोसाइटी, एपी गोयल चैरिटेबल ट्रस्ट और मीना आनंद के नाम पर थीं।

जीआईपीएल और उसके प्रमोटर संजय भाटी ने अन्य लोगों के साथ मिलकर बाइक बोट नाम से बाइक टैक्सी सर्विस की आड़ में बेहद आकर्षक निवेश योजनाएं पेश की थीं, जिसके तहत ग्राहक 1, 3, 5 या 7 बाइकों में निवेश कर सकता था, जिनका रखरखाव और संचालन कंपनी द्वारा किया जाता और निवेशक को मासिक किराया, ईएमआई और बोनस (एक से अधिक बाइकों में निवेश करने पर) दिया जाता था। बाइनरी और मल्टी-लेवल संरचना में अतिरिक्त निवेशक जोड़ने पर अतिरिक्त प्रोत्साहन भी दिए जाते थे। कंपनी ने विभिन्न शहरों में फ्रैंचाइजी भी आवंटित कीं, लेकिन इन शहरों में बाइक टैक्सी का संचालन मुश्किल से ही हुआ।

ईडी की जांच में पता चला है कि बाइक बोट घोटाले में जुटाई गई धनराशि को विभिन्न संबंधित कंपनियों में डायवर्ट किया गया और बाद में शैक्षणिक ट्रस्टों, सोसायटियों और व्यक्तियों के माध्यम से स्तरीकृत किया गया। इन डायवर्ट की गई धनराशि का उपयोग मेरठ में अचल संपत्तियां खरीदने और बैंकों से पहले से गिरवी रखी गई संपत्तियों को छुड़ाने के लिए किया गया।

वर्तमान कुर्की में 20.49 करोड़ रुपए मूल्य की अचल संपत्तियां और गिरवी रखी गई जमीन शामिल हैं, जिनका मूल्य 1,000 करोड़ रुपए है। संबंधित अपराध के समय 389.30 करोड़ रुपए की अचल संपत्ति, साथ ही कुल 5.12 करोड़ रुपए की सावधि जमा राशि भी जब्त की गई है।

इससे पहले ईडी ने 20 जुलाई 2020, 4 अक्टूबर 2021 और 10 मई 2024 को जारी तीन अनंतिम कुर्की आदेशों के माध्यम से 220.78 करोड़ रुपए की संपत्तियां कुर्क की हैं। विशेष न्यायालय (पीएमएलए), गाजियाबाद के समक्ष 27 आरोपियों के खिलाफ अभियोजन शिकायत और तीन पूरक अभियोजन शिकायतें भी दायर की गई हैं। विशेष न्यायालय द्वारा अभियोजन की सभी शिकायतों का संज्ञान लिया गया है। ईडी ने इससे पहले 20 दिसंबर 2020 और 20 जुलाई 2023 को कई स्थानों पर तलाशी अभियान चलाया था और डिजिटल साक्ष्य सहित विभिन्न साक्ष्य बरामद किए थे।


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