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खरगे का पीएम मोदी को खत, राहुल गांधी पर आपत्तिजनक टिप्पणी करने पर कार्रवाई की मांग

कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को चिट्ठी लिखी। एक तरफ जहां उन्होंने पीएम मोदी को जन्मदिन की बधाई दी। वहीं, मल्लिकार्जुन खरगे ने भाजपा समेत सहयोगी दलों के कांग्रेस सांसद राहुल गांधी पर विवादित टिप्पणी को लेकर सख्त कार्रवाई की मांग की

खरगे का पीएम मोदी को खत, राहुल गांधी पर आपत्तिजनक टिप्पणी करने पर कार्रवाई की मांग
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नई दिल्ली। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को चिट्ठी लिखी। एक तरफ जहां उन्होंने पीएम मोदी को जन्मदिन की बधाई दी। वहीं, मल्लिकार्जुन खड़गे ने भाजपा समेत सहयोगी दलों के कांग्रेस सांसद राहुल गांधी पर विवादित टिप्पणी को लेकर सख्त कार्रवाई की मांग की।

उन्होंने पीएम मोदी से अपील करते हुए कहा कि आप कृपया अपने नेताओं पर अनुशासन और मर्यादा का अंकुश लगाएं। ऐसे बयानों के लिए कड़ी कानूनी कार्रवाई की जानी चाहिए ताकि भारतीय राजनीति को पतन होने से रोका जा सके। कांग्रेस अध्यक्ष खरगे ने सोशल मीडिया पर चिट्ठी शेयर की।

मल्लिकार्जुन खरगे ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, ''सबसे पहले मैं आपको जन्मदिन की हार्दिक बधाई देता हूं। इसके साथ ही ऐसे मुद्दे पर आपका ध्यान आकृष्ट कराना चाहता हूं जो सीधे लोकतंत्र और संविधान से जुड़ा हुआ है। आप अवगत होंगे कि लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी के खिलाफ बेहद आपत्तिजनक, हिंसक और अशिष्ट बयानों का सिलसिला चल रहा है। मुझे दुख के साथ कहना पड़ता है कि भारतीय जनता पार्टी और आपके सहयोगी दलों के नेताओं ने जिस हिंसक भाषा का प्रयोग किया है, वह भविष्य के लिए घातक है। विश्व हैरान है कि केंद्र सरकार में रेल राज्य मंत्री, भाजपा शासित उत्तर प्रदेश के मंत्री, लोकसभा में प्रतिपक्ष के नेता को "नंबर एक आतंकवादी" कह रहे हैं। महाराष्ट्र में आपकी सरकार में सहयोगी दल का एक विधायक, नेता प्रतिपक्ष की "जुबान काट कर लाने वाले को 11 लाख रुपए का इनाम" देने की घोषणा कर रहे हैं। दिल्ली में एक भाजपा नेता एवं पूर्व विधायक, उनका "हश्र दादी जैसा" करने की धमकी दे रहे हैं।"

उन्होंने आगे लिखा, ''भारतीय संस्कृति अहिंसा, स‌द्भाव और प्रेम के लिए विश्व भर में जानी जाती है। इन बिंदुओं को हमारे नायकों ने राजनीति में मानक के रूप में स्थापित किया। गांधी जी ने अंग्रेजी राज में ही इन मानकों को राजनीति का अहम हिस्सा बना दिया था। आजादी के बाद संसदीय परिधि में सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच सम्मानजनक असहमतियों का एक लंबा इतिहास रहा है। इसने भारतीय लोकतंत्र की प्रतिष्ठा को बढ़ाने का काम किया। कांग्रेस के करोड़ों कार्यकर्ता और नेता इस बात को लेकर बहुत उद्वेलित और चिंतित हैं। क्योंकि ऐसी घृणा फैलाने वाली शक्तियों के चलते राष्ट्रपिता महात्मा गांधी, इंदिरा गांधी, और राजीव गांधी को शहादत देनी पड़ी है। सत्ताधारी दल का यह राजनीतिक व्यवहार लोकतांत्रिक इतिहास का अशिष्टतम उदाहरण है।''

कांग्रेस अध्यक्ष खड़गे ने पीएम मोदी से अपील करते हुए कहा, ''मैं आपसे अनुरोध और अपेक्षा करता हूं कि आप कृपया अपने नेताओं पर अनुशासन और मर्यादा का अंकुश लगाए। उचित आचरण का निर्देश दें। ऐसे बयानों के लिए कड़ी कानूनी कार्रवाई की जानी चाहिए ताकि भारतीय राजनीति को पतनशील बनने से रोका जा सके। कोई अनहोनी न हो। मैं भरोसा करता हूं कि आप इन नेताओं को हिंसक बयानों को तत्काल रोकने के बारे में अपेक्षित कार्यवाही करेंगे।''


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