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केरल स्थानीय निकाय चुनाव : एलडीएफ को मिले अस्थायी झटके, सीपीआई (एम) ने कहा- मजबूती से करेगा वापसी

केरल के स्थानीय निकाय चुनावों में लेफ्ट डेमोक्रेटिक फ्रंट (एलडीएफ) को मिले अप्रत्याशित झटके को अस्थायी बताते हुए सीपीआई(एम) ने भरोसा जताया है कि वह आगामी विधानसभा चुनावों में मजबूती से वापसी करेगा। पार्टी के राज्य सचिव एम.वी. गोविंदन ने कहा कि चुनाव नतीजों का स्पष्ट दृष्टि और दिशा के साथ आकलन किया जाएगा और इसे राजनीतिक बढ़त में बदला जाएगा

केरल स्थानीय निकाय चुनाव : एलडीएफ को मिले अस्थायी झटके, सीपीआई (एम) ने कहा- मजबूती से करेगा वापसी
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केरल निकाय चुनावों में अस्थायी झटका, एलडीएफ दमदार वापसी करेगा: माकपा

तिरुवनंतपुरम। केरल के स्थानीय निकाय चुनावों में लेफ्ट डेमोक्रेटिक फ्रंट (एलडीएफ) को मिले अप्रत्याशित झटके को अस्थायी बताते हुए सीपीआई(एम) ने भरोसा जताया है कि वह आगामी विधानसभा चुनावों में मजबूती से वापसी करेगा। पार्टी के राज्य सचिव एम.वी. गोविंदन ने कहा कि चुनाव नतीजों का स्पष्ट दृष्टि और दिशा के साथ आकलन किया जाएगा और इसे राजनीतिक बढ़त में बदला जाएगा।

सोमवार को यहां संपन्न हुई पार्टी की तीन दिवसीय बैठक के बाद गोविंदन ने कहा कि राज्य सरकार को लेकर जनता की धारणा अब भी सकारात्मक बनी हुई है और एलडीएफ आसानी से बहुमत के साथ सत्ता बरकरार रखेगा।

उन्होंने कहा कि स्थानीय चुनावों में सबरीमाला मुद्दा किसी बड़े नकारात्मक कारक के रूप में सामने नहीं आया। मतदान आंकड़ों का हवाला देते हुए गोविंदन ने बताया कि पिछले लोकसभा चुनावों की तुलना में वाम दलों के वोट शेयर में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है।

एलडीएफ का वोट शेयर लोकसभा चुनावों में 33.60 प्रतिशत से बढ़कर स्थानीय निकाय चुनावों में 39.73 प्रतिशत हो गया, जबकि कुल मतों की संख्या 66.65 लाख से बढ़कर 84.10 लाख पहुंच गई, यानी 17.35 लाख से अधिक की बढ़ोतरी। इसके विपरीत, यूडीएफ और भाजपा दोनों के वोट शेयर में गिरावट दर्ज की गई।

उन्होंने बताया कि विधानसभा क्षेत्रों के आधार पर किए गए विश्लेषण में एलडीएफ लगभग 60 सीटों पर स्पष्ट बढ़त में रहा, जबकि कई अन्य क्षेत्रों में मामूली अंतर से पीछे रहा।

गोविंदन के अनुसार, कई जगहों पर हार के पीछे स्थानीय मुद्दे, विपक्ष द्वारा फैलाया गया झूठा प्रचार, सांप्रदायिक ध्रुवीकरण और मीडिया के कुछ वर्गों द्वारा चलाया गया निरंतर ‘वाम विरोधी’ अभियान जिम्मेदार रहा। सही राजनीतिक संदेश और संगठनात्मक मजबूती के जरिए इन क्षेत्रों को दोबारा जीता जा सकता है।

सीपीआई(एम) नेता ने यूडीएफ और भाजपा के बीच ‘गुप्त समझ’ का आरोप भी लगाया और कहा कि मुकाबले की प्रकृति के अनुसार दोनों दलों के बीच वोटों का आपसी हस्तांतरण हुआ। उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि तिरुवनंतपुरम नगर निगम में भाजपा द्वारा जीती गई 50 में से 41 वार्डों में यूडीएफ तीसरे स्थान पर खिसक गया, और यही पैटर्न पूरे राज्य में देखने को मिला।

आगामी रणनीति पर प्रकाश डालते हुए गोविंदन ने बताया कि 5 जनवरी को राज्य के सभी 23,000 वार्डों में रोजगार गारंटी संरक्षण सभाएं आयोजित की जाएंगी। इसके बाद 15 से 22 जनवरी तक घर-घर जाकर अभियान चलाया जाएगा, जिसमें राज्य सरकार की उपलब्धियों और केंद्र सरकार द्वारा केरल की कथित उपेक्षा को जनता के सामने रखा जाएगा।


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