दो बार बढ़ाई वैट की दरें वापिस ले केजरीवाल सरकार
पेट्रोल और डीजल के दामों को लेकर जहां विपक्ष प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सरकार पर दबाव बनाने में जुटा है

नई दिल्ली। पेट्रोल और डीजल के दामों को लेकर जहां विपक्ष प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सरकार पर दबाव बनाने में जुटा है तो वहीं दिल्ली में भाजपा के नेता अरविंद केजरीवाल सरकार से मांग कर रहे हैं कि वे अपने कार्यकाल में पेट्रोल व डीजल पर दो बार अनुचित रूप से बढ़ाए गए वैट को तुरंत वापस ले।
नेता प्रतिपक्ष विजेंद्र गुप्ता ने कहा कि आम आदमी पार्टी बढ़े हुए वैट को वापस लें। उन्होंने कहा कि दोनों बार वैट को बढ़ाने की आवश्यकता नहीं थी क्योंकि दिल्ली राजस्व सम्पन्न राज्य है और दोनों ही बार पेट्रोल व डीजल के दाम बढ़ाकर आम नागरिक पर बोझ डालना गैरजरूरी था।
विजेन्द्र गुप्ता ने याद दिलाया कि वर्ष 2015 में पेट्रोल पर वैट 20 प्रतिशत से बढ़ाकर 25 प्रतिशत कर दिया गया और डीजल पर वैट 12.5 प्रतिशत से बढ़ाकर 16.6 प्रतिशत कर दिया गया। जून 2015 में जैसे ही केंद्र सरकार ने डीजल और पेट्रोल पर 2.2 रूपए घटाए वैसे ही तुरंत उसी दिन से दिल्ली सरकार ने वैट की दरें बढ़ा दीं। उसने दिल्लीवासियों से केंद्र सरकार द्वारा दिए गए लाभ पर डकैती डालकर बेवजह अपने राजस्व में वृद्धि की। इसी प्रकार वर्ष 2016 में पेट्रोल और डीजल पर वैट क्रमश: 25 से 27 और 16.6 से 18 प्रतिशत कर दिया गया। सरकार ने अपने निर्णय का बचाव यह कहते हुए किया कि उत्तरी भारत के राज्यों में पेट्रोल और डीजल के दामों में एकरूपता लाने के लिए वैट बढ़ाने की आवश्यकता थी। दिल्लीवासियों को एक बार फिर लूटा गया ताकि आसपास के राज्यों के हितों की रक्षा हो सके।


