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एमयूडीए घोटाला मामले में ईडी की बड़ी कार्रवाई, जब्त कीं 40 करोड़ रुपए की संपत्तियां

एमयूडीए घोटाला मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के बेंगलुरु जोनल ऑफिस ने बड़ी कार्रवाई की

एमयूडीए घोटाला मामले में ईडी की बड़ी कार्रवाई, जब्त कीं 40 करोड़ रुपए की संपत्तियां
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बेंगलुरु। एमयूडीए घोटाला मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के बेंगलुरु जोनल ऑफिस ने बड़ी कार्रवाई की। केंद्रीय जांच एजेंसी ने धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए), 2002 के प्रावधानों के तहत 40.08 करोड़ रुपए के बाजार मूल्य वाली एमयूडीए साइटों सहित 34 अचल संपत्तियों को अस्थायी रूप से कुर्क किया है।

ईडी ने मैसूर शहरी विकास प्राधिकरण (एमयूडीए) द्वारा भूमि आवंटन में बड़े पैमाने पर हुए घोटाले के मामले में लोकायुक्त पुलिस मैसूर द्वारा दर्ज प्राथमिकी के आधार पर जांच शुरू की।

ईडी की जांच में एमयूडीए के पूर्व आयुक्त जीटी दिनेश कुमार द्वारा प्राप्त अनुचित रिश्वत के मार्ग और स्तरीकरण का खुलासा हुआ। अपराध की इस आय का उपयोग जीटी दिनेश कुमार के रिश्तेदारों/सहयोगियों के नाम पर अचल संपत्तियां खरीदने के लिए किया गया था। आगे की जांच में जीटी दिनेश कुमार द्वारा 31 एमयूडीए साइटों के अवैध आवंटन का भी पता चला।

इस मामले में ईडी ने 18 और 28 अक्टूबर 2024 को रेड मारी थी। तलाशी से पता चला कि साइटों को 14 मार्च 2023 के पत्र, 27 अक्टूबर 2023 के सरकारी आदेश, 2015 में संशोधित कर्नाटक शहरी विकास प्राधिकरण (अधिग्रहित भूमि के मुआवजे के बदले साइटों का आवंटन) नियम, 2009 और कर्नाटक शहरी विकास प्राधिकरण (स्वैच्छिक भूमि समर्पण के लिए प्रोत्साहन योजना) नियम, 1991 का घोर उल्लंघन करते हुए आवंटित किया गया था।

इसके अलावा, तलाशी कार्रवाई से एमयूडीए अधिकारियों, कर्मचारियों और रियल एस्टेट कारोबारियों के बीच गहरी सांठगांठ का भी पता चला। सबूतों से मुआवजे के रूप में साइटों के आवंटन और लेआउट की मंजूरी के लिए नकद भुगतान का भी पता चला।

इससे पहले, मामले में, ईडी ने अवैध रूप से आवंटित कुल 252 एमयूडीए साइटों को अस्थायी रूप से कुर्क किया था। इसके अलावा, एमयूडीए स्थलों का बड़े पैमाने पर अवैध आवंटन करने वाले जीटी दिनेश कुमार को पीएमएलए 2002 के प्रावधानों के तहत 16 सितंबर 2025 को गिरफ्तार किया गया। वर्तमान में जीटी दिनेश कुमार को न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है। इस मामले में अब तक पीएमएलए 2002 के प्रावधानों के तहत लगभग 440 करोड़ रुपए की कीमत वाली आपराधिक आय कुर्क की जा चुकी है।


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