Top
Begin typing your search above and press return to search.

टाटासंस से जुड़ेगे जयशंकर, सरकार से पत्र लिखकर मांगी उपशमन अवधि में छूट

 पूर्व विदेश सचिव एस. जयशंकर टाटा संस में वैश्विक रणनीति के प्रमुख के तौर पर अपनी नई पारी की शुरुआत करने वाले हैं

टाटासंस से जुड़ेगे जयशंकर, सरकार से पत्र लिखकर मांगी उपशमन अवधि में छूट
X

नई दिल्ली। पूर्व विदेश सचिव एस. जयशंकर टाटा संस में वैश्विक रणनीति के प्रमुख के तौर पर अपनी नई पारी की शुरुआत करने वाले हैं। विश्वस्त सूत्रों के मुताबिक, उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर नौकरशाहों के लिए अनिवार्य उपशमन अवधि में छूट की मांग की है।

यह उपशमन अवधि नौकरशाहों के लिए अवकाश या सेवामुक्त होने के बाद एक साल की अवधि की होती है जिस दौरान वह निजी क्षेत्र में अपनी सेवा नहीं दे सकते हैं।

63 वर्षीय जयशंकर इसी साल 28 जनवरी को सेवानिवृत्त हुए। वह जनवरी 2015 से देश के शीर्ष राजनयिक के रूप में तीन साल तक भारत की विदेश नीति के संचालक रहे। सूत्रों ने बताया कि उन्हें राजधानी में टाटा संस का प्रस्ताव मिला है।

निजी क्षेत्र में काम शुरू करने से पहले अवकाश प्राप्त नौकरशाह को एक साल के कूलिंग ऑफ पीरियड यानी उपमशन अवधि में रहना पड़ता है।

उन्हें यह भी लिखित में बताना होता है कि वह जिस संगठन में काम करना चाहते हैं वह भारत के विदेश संबंध, राष्ट्रीय सुरक्षा और घरेलू सौहार्द से संबंधित किसी विवाद या हानिकारक मामले में संलिप्त नहीं है।

जयशंकर ने अपने मामले में छूट की मांग की है। छूट नहीं मिलने पर वह अगले साल जनवरी 2019 में कूलिंग ऑफ पीरियड समाप्त होने के बाद ही टाटा संस में अपनी नई पारी की शुरुआत कर पाएंगे।

इस संबंध में जयशंकर से फोन पर उनकी प्रतिक्रिया जानने की कोशिश की लेकिन उन्होंने फोन का जवाब नहीं दिया। उन्होंने लिखित संदेश का भी उत्तर नहीं दिया।

बतौर राजनयिक जयशंकर का कॅरियर बहुत अच्छा माना जाता है। साउथ ब्लॉक में अपने कार्यकाल के दौरान वह प्रधानमंत्री के विश्वासपात्र रहे और विदेशमंत्री सुषमा स्वराज से भी कामकाज को लेकर उनके अच्छे संबंध रहे।

सोवियत संघ के विघटन के पूर्व उन्होंने मास्को में अपनी सेवा दी थी। श्रीलंका में जब भारत की शांति सेना भेजी गई थी, उस समय वह वहीं थे। वह अमेरिका, चीन, चेक गणराज्य और सिंगापुर में भारत के राजदूत रह चुके हैं।

जयशंकर को पिछले साल डोकलाम में भारत और चीन की सेनाओं के बीच काफी समय तक जारी रहे गतिरोध को सुलझाने का श्रेय जाता है।


Next Story

Related Stories

All Rights Reserved. Copyright @2019
Share it