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हिमाचल में कश्मीरी शॉल विक्रेता पर हमला, जेकेएसए ने राहुल गांधी से हस्तक्षेप की मांग की

जम्मू-कश्मीर छात्र संघ (जेकेएसए) ने शनिवार की शाम को हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा जिले के देहरा में कश्मीरी शॉल विक्रेता जहांगीर अहमद के साथ हुई भयावह घटना की निंदा की है

हिमाचल में कश्मीरी शॉल विक्रेता पर हमला, जेकेएसए ने राहुल गांधी से हस्तक्षेप की मांग की
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राहुल गांधी कार्यालय ने दिया समर्थन, हिमाचल सरकार ने सख्त कार्रवाई का आश्वासन

  • एफआईआर दर्ज, पुलिस छापेमारी और जल्द गिरफ्तारी की संभावना
  • सीएम सुक्खू बोले- कश्मीर घाटी के व्यापारियों और श्रमिकों की सुरक्षा हमारी जिम्मेदारी

श्रीनगर। जम्मू-कश्मीर छात्र संघ (जेकेएसए) ने शनिवार की शाम को हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा जिले के देहरा में कश्मीरी शॉल विक्रेता जहांगीर अहमद के साथ हुई भयावह घटना की निंदा की है। हमले में कुछ असामाजिक तत्वों ने शॉल विक्रेता को परेशान किया और उस पर बेरहमी से हमला किया। संघ ने इस मामले को विपक्ष के नेता राहुल गांधी के कार्यालय और हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री के कार्यालय के समक्ष उठाया है।

संघ के राष्ट्रीय संयोजक नासिर खुएहामी ने विपक्ष के नेता के राजनीतिक सचिव और हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री के मीडिया सलाहकार नरेश चौहान से बात की और मामले में तत्काल हस्तक्षेप की मांग की।

खुहामी के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए राहुल गांधी के कार्यालय ने पूर्ण समर्थन और हस्तक्षेप का आश्वासन दिया। वहीं, नरेश चौहान ने आश्वासन दिया कि एफआईआर दर्ज की जा रही है, पुलिस टीमें भेजी जा चुकी हैं, छापेमारी जारी है, और रात तक गिरफ्तारियां होने की संभावना है।

उन्होंने आगे कहा कि इस घटना के संबंध में सख्त और उचित कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि हिंसा एवं धमकी के ऐसे कृत्यों को किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

चौहान ने बताया कि हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने आश्वासन दिया है कि राज्य सरकार कश्मीर घाटी के व्यापारियों और श्रमिकों सहित प्रत्येक नागरिक की सुरक्षा, गरिमा और अधिकारों की रक्षा के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध है।

वहीं, कश्मीर के प्रमुख धर्मगुरु और अलगाववादी नेता मीरवाइज उमर फारूक ने अपने आधिकारिक 'एक्स' हैंडल से 'अध्यक्ष, सर्वदलीय हुर्रियत सम्मेलन' का पदनाम हटा दिया। उनके इस कदम की सोशल मीडिया पर जमकर चर्चा हो रही है। कुछ लोगों ने मीरवाइज उमर फारूक को उनके आदर्शों और विश्वासों से समझौता बताते हुए निशाना बनाया।

मीरवाइज के आधिकारिक कार्यालय मीरवाइज मंजिल ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर विस्तृत पोस्ट जारी कर इस पर कड़ी प्रतिक्रिया दी। बयान में कहा गया, "यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है कि कुछ अवसरवादी लोगों का एक ग्रुप, जिन्हें सब जानते हैं, इस बारे में 'नैतिकता' का पाठ पढ़ा रहा है। मीरवाइज कश्मीर के 'एक्स' हैंडल से हुर्रियत प्रमुख के पदनाम हटाने को गलत सोच के तहत ऐसे पेश किया जा रहा है जैसे उन्होंने अपने आदर्शों और विश्वासों को छोड़ दिया हो।"


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