राहुल को जेहादियों, नक्सलियों से सहानुभूति रखने वाला बताना हास्यास्पद: चिदंबरम
केंद्रीय मंत्री अरुण जेटली द्वारा यह आरोप लगाने के बाद कि जेहादियों और नक्सलियों को कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी की सहानुभूति हासिल है, पूर्व वित्त मंत्री पी. चिदंबरम ने आज इस बयान को हास्यास्पद बताया

नई दिल्ली। केंद्रीय मंत्री अरुण जेटली द्वारा यह आरोप लगाने के बाद कि जेहादियों और नक्सलियों को कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी की सहानुभूति हासिल है, पूर्व वित्त मंत्री पी. चिदंबरम ने आज इस बयान को हास्यास्पद और बेतुका बताया। उन्होंने कहा कि पार्टी पूरी तरह से इन दोनों समूहों के खिलाफ है।
The allegation that jehadists and Maoists have earned the sympathy of Rahul Gandhi is laughable and absurd. Congress is stoutly opposed to the two groups.
— P. Chidambaram (@PChidambaram_IN) June 23, 2018
जेटली ने शुक्रवार को राहुल को निशाने पर लेते हुए ब्लॉग पोस्ट में कहा था कि जेहादी और नक्सली नागरिक अधिकारों और मानव अधिकार संगठनों के लिए खतरा बने हुए हैं।
उन्होंने आरोप लगाया कि भले ही कांग्रेस इन ऐतिहासिक और वैचारिक रूप से इन समूहों के विरोध में रही है। लेकिन, फिर भी उन्होंने राहुल गांधी के दिल में सहानुभूति अर्जित की है।
Even though the Congress Party historically & ideologically would have been opposed to these groups, they have earned a sympathy in Rahul Gandhi’s heart. He had no qualms about joining those who raised subversive slogans at JNU and Hyderabad.
— Arun Jaitley (@arunjaitley) June 22, 2018
जेटली ने लिखा था, "जेएनयू (जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय) में और हैदराबाद में विद्रोही नारे लगाने वालों के साथ शामिल होने पर उन्हें कोई पछतावा नहीं हुआ।"
उन्होंने कहा कि इस प्रारंभिक सफलता के साथ तथाकथित संघीय मोर्चे के अन्य लोग इन समूहों के खतरों को भारत और भारतीय लोकतंत्र में भूल गए हैं।
जैटली ने अपने ब्लॉग में लिखा, "आप (आम आदमी पार्टी), टीएमसी (तृणमूल कांग्रेस) जैसे दलों का दुस्साहस ऐसा मालूम पड़ता है ये इन समूहों को सिर्फ राजनीतिक अवसर के तौर पर देखते हैं।
वरिष्ठ कांग्रेस नेता चिदंबरम ने जेटली पर पलटवार करते हुए कहा कि कांग्रेस के नेतृत्व में संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (सप्रंग) की सरकार जम्मू एवं कश्मीर में जेहादियों से लड़ी थी और हिंसा का स्तर काफी हद तक कम कर दिया था।
चिदंबरम ने ट्वीट कर कहा, "यह आरोप लगाना कि जेहादियों और नक्सलियों को राहुल गांधी की सहानुभूति हासिल है, यह हास्यास्पद और बेतुका है। कांग्रेस दोनों समूहों का पूरी तरह से विरोध करती है।"
Under UPA, the government fought the jehadists in J&K and brought down the level of violence substantially.
— P. Chidambaram (@PChidambaram_IN) June 23, 2018
इस प्रकार का आरोप कि जेहादियों और माओवादियों को राहुल गांधी की सहानुभूति हासिल है वो बेतुका और हास्यास्पद है। कांग्रेस ने दोनों समूहों का दृढ़तापूर्वक विरोध किया है।
— P. Chidambaram (@PChidambaram_IN) June 23, 2018
चिदंबरम ने कहा, "कौन भूल सकता है कि छत्तीसगढ़ में कांग्रेस ने नक्सली हिंसा में अपना पूरा नेतृत्व खो दिया था? सप्रंग के तहत, सरकार ने जम्मू-कश्मीर में जेहादियों से लड़ा और हिंसा का स्तर काफी हद तक कम कर दिया था।"
Who can forget that Congress practically lost its entire leadership in Chhattisgarh to Maoist violence?
— P. Chidambaram (@PChidambaram_IN) June 23, 2018
मई में किडनी प्रत्यारोपण करा चुके केंद्रीय मंत्री ने कामकाज नहीं संभाला है। उन्होंने कहा कि ये नक्सली व जेहादी अदालतों को आतंकित करते हैं, संपादकों को मार देते हैं। उन्होने सवालिया लहजे में कहा, "कश्मीर के नागरिकों के मानवाधिकारों को किससे खतरा है? यह स्पष्ट है कि यह आतंकवादी और जेहादी हैं।"
यूपीए के समय, सरकार जम्मू-कश्मीर में जेहादियों से लड़ी और हिंसा के स्तर को काफी हद तक कम कर दिया।
— P. Chidambaram (@PChidambaram_IN) June 23, 2018
जेटली ने कहा कि नक्सली जनजाति क्षेत्रों में कोई विकास कार्य नहीं होने देते और जो उनके साथ सहमत नहीं हैं, उन्हें मार देते हैं। वे सार्वजनिक इमारतों को नष्ट करते हैं, वे सुरक्षाकर्मियों को मार देते हैं।
उन्होंने कहा कि मानवाधिकार भारत के संसदीय लोकतंत्र का मूल है और संविधान हर नागरिक के अधिकार की रक्षा की गारंटी देती है।
जेटली ने लिखा था, "हमारी नीति आतंकवादियों से हर भारतीय नागरिक के मानवाधिकारों की रक्षा करने वाली होनी चाहिए, चाहे वह आदिवासी हो या कश्मीरी हो।"


