सेवा क्षेत्र में भारत-वियतनाम बढ़ा रहे हैं सहयोग : प्रभु
केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री सुरेश प्रभु ने वियतनाम के साथ संबंधों को महत्वपूर्ण करार देते हुये आज कहा कि दोनों देश सेवा में सहयोग बढ़ा रहे हैं जो विश्व विकास का नया इंजन है

नई दिल्ली। केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री सुरेश प्रभु ने वियतनाम के साथ संबंधों को महत्वपूर्ण करार देते हुये आज कहा कि दोनों देश सेवा में सहयोग बढ़ा रहे हैं जो विश्व विकास का नया इंजन है।
श्री प्रभु ने यहां भारत-वियतनाम आर्थिक संबंधों पर आयोजित अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि वियतनाम की भी गिनती अब आसियान देशों की सबसे तेजी से विकास कर रही अर्थव्यवस्थाओं में की जाती है।
उन्हाेंने कहा कि भारत और वियतनाम दोनों ही इस क्षेत्र में व्यापार एवं वाणिज्य और राजनीतिक एवं सुरक्षा मसलों पर महत्वपूर्ण राय रखते हैं। आसियान का सदस्य होने के नाते वियतनाम संगठन के अन्य सदस्य देशों के साथ भी भारत के संबंधों में प्रगाढ़ता ला रहा है। भारत की एक्ट ईस्ट नीति के तहत आसियान पर ही फोकस किया जा रहा है। दोनों देशों ने तेल उत्खनन, कृषि, विनिर्माण एवं रक्षा के क्षेत्रों में मजबूत आर्थिक संबंध स्थापित कर रखे हैं और अब वे सेवा क्षेत्र पर अपना ध्यान केंद्रित कर रहे हैं जो वैश्विक व्यापार में नया विकास इंजन है।
उन्होंने कहा कि भारत दोनों देशों के बीच की सांस्कृतिक एवं धार्मिक समानताओं को विशेष अहमियत देता है, लेकिन यह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ‘एक्ट ईस्ट’ नीति है जिसने पारस्परिक विकास की व्यापक संभावनाओं को परिपूर्ण करने के दरवाजे खोल दिए हैं।
भारत ने वर्ष 1975 में वियतनाम को ‘सर्वाधिक अनुकूल राष्ट्र’ का दर्जा दिया था। उसके बाद से ही द्विपक्षीय व्यापार में निरंतर वृद्धि दर्ज की जा रही है। दोनों देशों ने वर्ष 2020 तक 15 अरब डॉलर के व्यापार लक्ष्य पर सहमति जताई है।


