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आईएनएक्स मामले में चिदंबरम से की ईडी ने पूछताछ 

ईडी अधिकारियों ने इसके तुरंत बाद कई मुद्दों पर उनसे पूछताछ की, इसमें विदेशी निवेश संवर्धन बोर्ड (एफआईपीबी) द्वारा आईएनएक्स मीडिया को 2007 में दी गई मंजूरी पर सवाल शामिल थे

आईएनएक्स मामले में चिदंबरम से की ईडी ने पूछताछ 
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नई दिल्ली । प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने बुधवार को पूर्व वित्तमंत्री पी. चिदंबरम से आईएनएक्स मीडिया धनशोधन मामले में पूछताछ की। चिदंबरम सुबह 11 बजे एजेंसी के दफ्तर पहुंचे। ईडी अधिकारियों ने इसके तुरंत बाद कई मुद्दों पर उनसे पूछताछ की। इसमें विदेशी निवेश संवर्धन बोर्ड (एफआईपीबी) द्वारा आईएनएक्स मीडिया को 2007 में दी गई मंजूरी पर सवाल शामिल थे।

एजेंसी ने चिदंबरम को नवंबर में समन जारी किया था, जिसमें उन्हें ईडी के समक्ष बयान दर्ज कराने के लिए प्रस्तुत होने को कहा गया था।
सीबीआई और ईडी इस बात की भी जांच कर रहे हैं कि कैसे चिंदबरम के बेटे कार्ति चिदंबरम ने विदेशी निवेश संवर्धन बोर्ड (एफआईपीबी) से मंजूरी दिलाने का प्रबंध किया था।

कार्ति चिदंबरम को आईएनएक्स मीडिया को 2007 में एफआईपीबी से मंजूरी दिलाने के लिए कथित रूप से रिश्वत लेने के आरोप में 28 फरवरी को गिरफ्तार किया गया था। साल 2007 के दौरान कार्ति के पिता पी. चिदंबरम संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) सरकार में वित्त मंत्री थे।
कार्ति को बाद में जमानत दे दी गई थी।
इस मामले में ईडी ने कार्ति के चार्टर्ड अकाउंटेंड एस. भास्करारमन को भी गिरफ्तार किया था। बाद में उन्हें जमानत मिल गई थी।
ईडी की अब तक की जांच से पता चला है कि एफआईपीबी की मंजूरी के लिए आईएनएक्स मीडिया के पीटर व इंद्राणी मुखर्जी ने पी.चिदंबरम से मुलाकात की थी ताकि उनके आवेदन में किसी तरह की देरी ना हो।
ईडी ने कहा, "पी.चिदंबरम से उनके बेटे के व्यापारिक हितों को ध्यान में रखकर सवाल किए गए। ईडी ने पीटर मुखर्जी द्वारा कार्ति पी. चिदंबरम के नियंत्रण वाली एएससीपीएल व उससे जुड़ी इकाइयों को हेरफेर करके डेबिट नोट्स के जरिए 3.09 करोड़ रुपये के भुगतान की पहचान की।"

एजेंसी ने कहा, "जांच के समय यह कबूल किया गया था कि डेबिट नोट्स कार्ति के इशारे पर तैयार किए गए जिससे कुछ लेन-देन दिखाया जा सके, जो लेन-देन वास्तव में हुआ ही नहीं था।"
ईडी ने कहा है कि इस तरह से जो रुपया जुड़ी इकाईयों द्वारा प्राप्त किया गया, वह गैरकानूनी रूप से एएससीपीएल में लगा दिया गया।
ईडी ने कार्ति चिदंबरम की 54 करोड़ रुपये की संपत्ति और मामले से जुड़ी एक कंपनी को कुर्क किया है। ईडी ने इसी से जुड़े मामले में मुखर्जी की संपत्तियों को भी कुर्क किया है।


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