दिल्ली के रेस्तराओं में बार लाइसेंस पर सरकार के खिलाफ विरोध शुरू
दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसेादिया द्वारा राजधानी में हाइवे पर सर्वोच्च न्यायालय के आदेश के बाद शराब की दुकानों को बंद करने के फैसले के बाद सरकार ने बंद हुई

नई दिल्ली। दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसेादिया द्वारा राजधानी में हाइवे पर सर्वोच्च न्यायालय के आदेश के बाद शराब की दुकानों को बंद करने के फैसले के बाद सरकार ने बंद हुई शराब की दुकानों के बदले रेस्तराओं में बार के लिए लाइसेंस देने के फैसले पर मुहर लगाई है। संकेत सामने आ रहे हैं कि आबकारी विभाग इस बाबत अगले कुछ दिनों में लाइसेंस जारी करने के अपने कदम को बढ़ा सकता है। हालांकि बीते वर्ष शराब की दुकानों को खोलने के मुद्दे पर सरकार ने दो टूक कहा था कि राजधानी में अब कोई नई दुकान नहीं खोली जाएगी। लेकिन इस फैसले के संकेत सामने आने के साथ ही इसका विरोध भी शुरू हो गया है।
दिल्ली विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष विजेन्द्र गुप्ता ने आज मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल से मांग की कि दिल्ली सरकार नए रैस्टोरेंटों में शराब परोसने के लाइसेंस जारी करने का निर्णय तुरन्त प्रभाव से रद्द कर दें।
उन्होंने कहा कि सरकार नए लाइसेंसे जारी करने के लिए इतनी उतावली हो रही है कि नए रैस्टोरेंटों को आसानी से लाइसेंस उपलब्ध कराने जा रही है और नए लाइसेंस जारी कर दिल्लीवासियों और विशेषकर युवा पीढ़ी को नशे में धकेलने जा रही है।माना जा रहा है कि यह आप विधायकों और शराब से मोटी कमाई करने वाले रैस्टोरेंट मालिकों की जीत है और दिल्ली वासियों की हार है।
विजेन्द्र गुप्ता ने कहा कि यह चिन्ता का विषय है कि सरकार ने जून में उन 50 रैस्टोरेंटों को लाइसेंस देने का निर्णय लिया था, जो सर्वोच्च न्यायालय के आदेश के बाद 1 अप्रैल से बन्द हो गए थे।
उन्होंने बताया कि अब इनके अतिरिक्त नए रैस्टोरेंटों को लाइसेंसे जारी करने के निर्णय से सरकार की मंशा पर सन्देह होता है। पता चला है कि सरकार रैस्टोरेंट मालिकों से मिलीभगत कर नए लाइसेंस जारी करने का मन बना चुकी है। इस काम में आबकारी विभाग और रैस्टोरेंट मालिकों के बीच भारी लेन.देने की चर्चा है।
श्री गुप्ता ने कहा कि आम आदमी पार्टी ने महात्मा गांधी के मद्यनिषेध की धज्जियां उड़ा दी हैं। अपनी छोटी से छोटी उपलब्धि का करोड़ों रुपये खर्च करने वाली आम आदमी पार्टी ने शराब के दुष्प्रभाव के प्रति जागृति पैदा करने के लिए गत वर्ष मात्र 7.76 लाख रुपये ही खर्च किये हैं। शराब से होने वाली आमदनी 830 करोड़ रुपये से बढ़कर 1500 करोड़ पहुँच गयी है। आम आदमी पार्टी सरकार का प्रस्ताव था कि दिल्ली में नाईट लाइफ को प्रोत्साहन दिया जाए। इसके लिए उन्होंने तैयारियां भी कर ली थीं, परन्तु विपक्ष के भारी दबाव और जनता द्वारा चौतरफा आलोचना के कारण उसे इस योजना को ठंडे बस्ते में डालना पड़ा।


