1990 में भाजपा समर्थित सरकार ने ओबीसी को दिया था 27 प्रतिशत आरक्षण, कांग्रेस का मूल चरित्र ओबीसी विरोधी : भाजपा
जातीय जनगणना को लेकर कांग्रेस और भाजपा में राजनीतिक बयानबाजी लगातार तेज होती जा रही है

नई दिल्ली। जातीय जनगणना को लेकर कांग्रेस और भाजपा में राजनीतिक बयानबाजी लगातार तेज होती जा रही है। भाजपा ने जातीय जनगणना को लेकर कांग्रेस पर राजनीति करने का आरोप लगाते हुए कहा है कि कांग्रेस का मूल चरित्र ओबीसी विरोधी रहा है। कांग्रेस हमेशा ओबीसी आरक्षण के मुद्दे को अनदेखा करती रही है।
जातिगत जनगणना के बहाने कांग्रेस पर देश में फूट डालने की कोशिश करने का आरोप लगाते हुए भाजपा ने यह भी कहा है कि 1990 में भाजपा के समर्थन से चलने वाली सरकार (वीपी सिंह) ने ही अन्य पिछड़ा वर्ग को 27 प्रतिशत आरक्षण दिया था।
भाजपा ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर काका कालेलकर आयोग और मंडल कमीशन पर कांग्रेस के रवैये को याद दिलाते हुए एक पोस्टर शेयर कर कहा, "आज जातीय जनगणना को लेकर राजनीति कर रही कांग्रेस हमेशा ओबीसी आरक्षण के मुद्दे को अनदेखा करती रही। 1990 में भाजपा समर्थित सरकार ने दिया था अन्य पिछड़ा वर्ग को 27 प्रतिशत आरक्षण।"
भाजपा ने अपने इस पोस्टर में कांग्रेस के मूल चरित्र को ओबीसी विरोधी बताते हुए इंदिरा गांधी, मनमोहन सिंह, सोनिया गांधी और राहुल गांधी की तस्वीरों को लगाकर यह याद दिलाया, "आजादी के बाद 30 वर्षों तक केंद्र में कांग्रेस सरकार थी लेकिन ओबीसी को आरक्षण नहीं मिला। 1950 में काका कालेलकर ने पिछड़ा वर्ग आयोग की सिफारिश की थी लेकिन नेहरू ने इसे रद्द कर दिया।
1977 में जनता पार्टी की सरकार के दौरान मंडल कमीशन बना। 1980 में कांग्रेस सरकार दोबारा आई और ओबीसी आरक्षण रिपोर्ट को ठंडे बस्ते में डाल दिया। इंदिरा गांधी और राजीव गांधी को मिलाकर करीब 10 साल कांग्रेस की सरकार रही। लेकिन, ओबीसी आरक्षण के मुद्दे को याद भी नहीं किया गया। 1990 में जब कांग्रेस सत्ता से हटी और भाजपा समर्थित जनता दल की सरकार बनी तब मंडल कमीशन की रिपोर्ट लागू हुई और ओबीसी को 27 प्रतिशत आरक्षण मिला।"
भाजपा ने कांग्रेस पर देश में फूट डालने का आरोप लगाते हुए यह भी कहा, "आज जातिगत जनगणना की बात कर देश में फूट डालने की कोशिश कर रही कांग्रेस ने अपने शासनकाल में काका कालेलकर कमीशन और मंडल कमीशन का विरोध किया था।"


