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उम्मीद है सुप्रीम कोर्ट की 'फटकार' से राहुल गांधी कुछ सीखेंगे : रंजीत सावरकर

वीर सावरकर पर अपमानजनक टिप्पणी के मामले में कांग्रेस सांसद राहुल गांधी को सुप्रीम कोर्ट से 'फटकार' मिली है

उम्मीद है सुप्रीम कोर्ट की फटकार से राहुल गांधी कुछ सीखेंगे : रंजीत सावरकर
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मुंबई। वीर सावरकर पर अपमानजनक टिप्पणी के मामले में कांग्रेस सांसद राहुल गांधी को सुप्रीम कोर्ट से 'फटकार' मिली है। वीर सावरकर के पोते रंजीत सावरकर ने स्वागत करते हुए उम्मीद जताई कि राहुल गांधी इससे कुछ सीखेंगे।

रंजीत सावरकर ने शुक्रवार को कहा, "राहुल गांधी राजनीतिक लाभ के लिए, खासकर मुस्लिम वोटों के ध्रुवीकरण के लिए, बार-बार वीर सावरकर का अपमान करते हैं, बिना यह समझे कि हिंदुत्व का सही अर्थ क्या है। लेकिन, मुझे लगता है कि सुप्रीम कोर्ट की फटकार के बाद वह सुधरने की कोशिश करेंगे।"

उन्होंने कहा कि जिसने भी इतिहास को नजदीक से समझा है, उन्हें पता है कि वीर सावरकर 14 साल तक जेल में अमानवीय स्थिति में थे। वह 13 साल तक दूसरे जेल में थे। अंग्रेजों ने 27 साल तक उन्हें जेल में रखा। इसीलिए, इतिहास का ज्ञान होना जरूरी है। ऐसा नहीं है कि आप 'युवराज' हैं तो किसी को अपमानित करेंगे। हम चाहते हैं कि राहुल गांधी अपने बयानों के लिए माफी मांगें, नहीं तो हम उनके खिलाफ मुकदमे को अंजाम तक ले जाएंगे। राहुल गांधी का जेल जाना तो पक्का है।

एक सवाल के जवाब में रंजीत सावरकर ने कहा, "मैं सोनिया गांधी के बारे में ज्यादा नहीं जानता, लेकिन इंदिरा गांधी वीर सावरकर का बहुत सम्मान करती थीं। इंदिरा गांधी न केवल उनका सम्मान करती थीं, बल्कि उनकी नीतियों को लागू भी करती थीं। विभाजन के दौरान मोहम्मद अली जिन्नाह ने एक नारा दिया था कि हंस के लिए पाकिस्तान, लड़कर लेंगे हिन्दुस्तान। तब वीर सावरकर ने नारा दिया था एक धक्का और दो पाकिस्तान तोड़ दो। पाकिस्तान को तोड़ने का काम इंदिरा गांधी ने किया। वीर सावरकर ने जो उस वक्त कहा, उस पर इंदिरा गांधी ने काम किया। इंदिरा गांधी ने सबसे ज्यादा सम्मान वीर सावरकर का किया है। डाक टिकट निकाला, वीर सावरकर के साथ जो लोग थे, उन्हें स्वतंत्रता सेनानी का दर्जा दिलाया।"


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