हिमाचल के वकील को हिदायत, न बनें सरकार का चमचा
सर्वोच्च न्यायालय ने बुधवार को हिमाचल प्रदेश सरकार का प्रतिनिधित्व कर रहे एक वकील को हिदायत देते हुए कहा कि सरकार का चमचा न बनें

नई दिल्ली। सर्वोच्च न्यायालय ने बुधवार को हिमाचल प्रदेश सरकार का प्रतिनिधित्व कर रहे एक वकील को हिदायत देते हुए कहा कि सरकार का चमचा न बनें। कसौली में अनधिकृत निर्माण से संबंधित मामले में सुनवाई के दौरान वकील ने अदालत का ध्यान आकृष्ट करते हुए कहा कि सर्वोच्च न्यायालय के एक न्यायाधीश की पत्नी ने उच्च न्यायालय में याचिका दायर की है।
उन्होंने बताया कि न्यायमूर्ति दीपक गुप्ता की पत्नी ने वन की जमीन पर कब्जा को लेकर हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय में जनहित याचिका दायर की है। वकील ने अप्रत्यक्ष रूप से न्यायाधीश को सर्वोच्च न्यायालय की सुनवाई से मना करने को कहा।
न्यायमूर्ति मदन बी. लोकुर की पीठ ने नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि राज्य सरकार ने उच्च न्यायालय में लंबित मामले का विवरण शीर्ष अदालत के सामने रखा है। पीठ ने वकील से कहा, "सरकार का चमचा मत बनिए।"
न्यायमूर्ति लोकुर ने कहा, "उनलोगों का भोंपू मत बनिए जिनका निहित स्वार्थ है। आप अधिवक्ता और न्यायालय के अधिकारी हैं, न कि राज्य का चमचा। दोबारा ऐसा न करें।"


