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हेपेटाइटिस बी वायरस से लड़ने के लिए जांच और टीकाकरण को बढ़ावा देना जरूरी : विशेषज्ञ

विश्व हेपेटाइटिस दिवस पर सोमवार को विशेषज्ञों ने कहा कि हेपेटाइटिस बी एक चुपचाप फैलने वाला वायरस है, जिसे जल्दी पहचानना मुश्किल होता है

हेपेटाइटिस बी वायरस से लड़ने के लिए जांच और टीकाकरण को बढ़ावा देना जरूरी : विशेषज्ञ
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नई दिल्ली। विश्व हेपेटाइटिस दिवस पर सोमवार को विशेषज्ञों ने कहा कि हेपेटाइटिस बी एक चुपचाप फैलने वाला वायरस है, जिसे जल्दी पहचानना मुश्किल होता है। इसे रोकने के लिए जांच (स्क्रीनिंग) और टीकाकरण को बढ़ाना बहुत जरूरी है।

विश्व हेपेटाइटिस दिवस हर साल 28 जुलाई को जागरूकता बढ़ाने और इसके रोकथाम व प्रबंधन के लिए मनाया जाता है। इस साल की थीम ‘हेपेटाइटिस: लेट्स ब्रेक इट डाउन’ है।

विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) की 2022 की रिपोर्ट के अनुसार, भारत में 2.98 करोड़ हेपेटाइटिस बी के मामले हैं, जो वैश्विक मामलों का 11.7 प्रतिशत है। विश्व में 2022 में 25.4 करोड़ लोग हेपेटाइटिस बी से पीड़ित थे।

नई दिल्ली में स्थित इंस्टीट्यूट ऑफ लिवर एंड बिलियरी साइंसेज के निदेशक डॉ. एसके सरीन ने राष्ट्रीय राजधानी में आयोजित एक कार्यक्रम में कहा, "हेपेटाइटिस बी एक चुपचाप रहने वाला, छिपा हुआ वायरस है। यह 40, 50, या 60 साल की उम्र में सक्रिय होता है और तब तक खामोश रहता है जब तक कि किसी को लिवर कैंसर जैसी गंभीर बीमारी का पता नहीं चलता।"

हेपेटाइटिस बी ज्यादातर मां से बच्चे में फैलता है। डॉ. सरीन ने बताया, "आज 95 प्रतिशत हेपेटाइटिस बी मां से बच्चे में फैलता है। केवल 15 प्रतिशत लोग जानते हैं कि उन्हें यह बीमारी है, और उनमें से सिर्फ 3 प्रतिशत का इलाज हो रहा है। यह स्थिति अदृश्य है। भारत में हेपेटाइटिस बी के 3 करोड़ मामलों में से केवल कुछ लाख लोग ही इलाज कर पा रहे हैं।"

उन्होंने हेपेटाइटिस बी के लिए जांच और टीकाकरण बढ़ाने की जरूरत पर ज़ोर दिया।

डॉ. सरीन ने कहा, "अगर किसी को हेपेटाइटिस बी है, तो पूरे परिवार की जांच जरूरी है। परिवार में किसी और के इस बीमारी से ग्रस्त होने का खतरा पांच गुना ज्यादा होता है। इसलिए, जो आज स्वस्थ हैं, उन्हें भी जांच और टीकाकरण करवाना चाहिए। ऐसा करके हम सुरक्षित रह सकते हैं।"

स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के पूर्व सचिव राजेश भूषण ने बताया कि हेपेटाइटिस बी के बोझ को 2030 तक कम करने और इसके नियंत्रण को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने 2007 में यूनिवर्सल इम्यूनाइजेशन प्रोग्राम के तहत हेपेटाइटिस बी वैक्सीन को शामिल किया।

उन्होंने कहा, "नेशनल फैमिली हेल्थ सर्वे 5 और एचएमआईएस 2023-24 के अनुसार, हेपेटाइटिस बी वैक्सीन की तीसरी खुराक का कवरेज अब 93 प्रतिशत से अधिक है।"

इसके अलावा, सरकार ने 2018 में राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत नेशनल वायरल हेपेटाइटिस कंट्रोल प्रोग्राम (एनवीएचसीपी) शुरू किया।

भूषण ने इलनेस टू वेलनेस फाउंडेशन द्वारा आयोजित कार्यक्रम में कहा, "इस पहल के तहत सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में हेपेटाइटिस बी और सी की मुफ्त जांच और इलाज उपलब्ध कराया गया है, जिसके लिए राज्य सरकारों को पर्याप्त धनराशि दी जाती है।"


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