Top
Begin typing your search above and press return to search.

रात की गहरी नींद ही है सच्चा इलाज, जानें क्या कहता है आयुर्वेद

हम सभी जानते हैं कि अच्छी नींद का हमारे जीवन पर कितना गहरा असर होता है

रात की गहरी नींद ही है सच्चा इलाज, जानें क्या कहता है आयुर्वेद
X

नई दिल्ली। हम सभी जानते हैं कि अच्छी नींद का हमारे जीवन पर कितना गहरा असर होता है। अगर नींद पूरी न हो तो अगला दिन थकान, चिड़चिड़ापन और सुस्ती से भरा रहता है। लेकिन, जब नींद गहरी और संतुलित होती है तो शरीर और मन दोनों तरोताजा महसूस करते हैं। आयुर्वेद में भी ‘निद्रा’ को जीवन के तीन मुख्य स्तंभों में से एक माना गया है।

आयुर्वेद में निद्रा को रात्रौ स्वाभाविकी कहा गया है। रात में ली गई प्राकृतिक नींद ही शरीर और मन के संतुलन के लिए आवश्यक है। जब हम समय पर सोते हैं और गहरी नींद लेते हैं, तो हमारा शरीर अपने आप को रिपेयर करता है। कोशिकाएं नई बनती हैं, मांसपेशियों को आराम मिलता है और मानसिक तनाव कम होता है। अच्छी नींद त्वचा की चमक बढ़ाती है, ऊर्जा को बनाए रखती है और आयु को भी बढ़ाती है।

आयुर्वेद की दिनचर्या में भी निद्रा को एक महत्वपूर्ण स्थान दिया गया है। कहा गया है कि जब हम अपनी दिनचर्या में नींद का सही संतुलन रखते हैं, तो शरीर का पाचन, हृदय, मस्तिष्क और इम्यून सिस्टम सभी बेहतर तरीके से काम करते हैं।

वहीं, देर रात तक जागना, असमय सोना या दिन में अधिक देर तक सोना यह सभी आदतें शरीर की प्राकृतिक लय को बिगाड़ देती हैं। इसलिए कहा गया है कि रात को शांत, आरामदायक माहौल बनाकर सोएं और दिन में अधिक नींद लेने से बचें।

नींद का सबसे अच्छा समय सूर्यास्त के 2-3 घंटे बाद का होता है। उस समय शरीर स्वाभाविक रूप से आराम की स्थिति में जाने लगता है। सोने से पहले मोबाइल, टीवी या तेज रोशनी से दूरी बनानी चाहिए ताकि मन शांत हो सके। हल्का संगीत, सुगंधित दीपक या ध्यान जैसी चीजें भी नींद को गहरा करने में मदद करती हैं।

आयुर्वेद में अच्छी नींद को सिर्फ आराम नहीं, एक चिकित्सा माना गया है। यह मन को स्थिर करती है, शरीर को ठीक करती है और आत्मा को शांति देती है। इसलिए कहा जाता है कि जब आप सही समय पर, सही ढंग से सोते हैं, तो न सिर्फ आपका शरीर स्वस्थ रहता है, बल्कि जीवन भी सुंदर और संतुलित बन जाता है।


Next Story

Related Stories

All Rights Reserved. Copyright @2019
Share it