सरकार जेनरिक दवाओं के नाम लिखने को अनिवार्य करेगी
सरकार आम लोगों को स्वास्थ्य सुरक्षा उपलब्ध कराने तथा सस्ती दरों पर दवाएं उपलब्ध कराने के लिए चिकित्सकों से ब्रांडेड दवाओं के साथ जेनरिक दवाएं लिखने को अनिवार्य बनायेगी
नयी दिल्ली। सरकार आम लोगों को स्वास्थ्य सुरक्षा उपलब्ध कराने तथा सस्ती दरों पर दवाएं उपलब्ध कराने के लिए चिकित्सकों से ब्रांडेड दवाओं के साथ जेनरिक दवाएं लिखने को अनिवार्य बनायेगी ।
उर्वरक एवं रसायन मंत्री अनंत कुमार ने आज यहां संवाददाता सम्मेलन में अपने मंत्रालय के तीन साल की उपलब्धियों की जानकारी देते हुए बताया कि मेडिकल कांउसिल आफ इंडिया ने 21 अप्रैल को सभी चिकित्सकों से ब्रांडेडे दवाओं के साथ साथ जेनरिक दवाएं भी लिखने का अनुरोध किया है ।
जेनरिक दवाओं के नाम अंग्रेजी के कैपिटल लेटर में लिखे जायेंगे । इसका उल्लंघन करने वाले चिकित्सकों के खिलाफ उचित कार्रवाई करने की भी चेतावनी दी गयी है । कुमार ने कहा कि 18 अप्रैल को स्वास्थ्य मंत्रालय ने केन्द्र सरकार के सभी अस्पतालाें को अनिवार्य रूप से जेनरिक दवाएं लिखने का अनुरोध किया है । इसके साथ ही राज्यों से भी जेनरिक दवाओं के लिखने को प्राथमिकता देने का आग्रह किया गया है ।
उन्होंने कहा कि 13 राज्यों के सरकारी अस्पतालों में लोगों को नि:शुल्क दवाएं दी जाती है और वह वहां के मुख्यमंत्रियों से ब्रांडेड दवाओं की जगह जेनरिक दवाएं देने के लिए बातचीत करेंगे । इससे सरकारी राजस्व की भी बचत होगी ।


