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दलितों की प्रतिरोधी आवाजों को पुलिस के बल पर दबाना चाहती है ये सरकार-मुहम्मद शुऐब

रिहाई मंच ने यूपी प्रेस क्लब लखनऊ में दलित के सवालों पर होने वाले कार्यक्रम को जबरन सरकार के दबाव में न होने देने व नेताओं की गिरफ्तारी की कड़ी भर्त्सना की है

दलितों की प्रतिरोधी आवाजों को पुलिस के बल पर दबाना चाहती है ये सरकार-मुहम्मद शुऐब
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लखनऊ। रिहाई मंच ने यूपी प्रेस क्लब लखनऊ में दलित के सवालों पर होने वाले कार्यक्रम को जबरन सरकार के दबाव में न होने देने व नेताओं की गिरफ्तारी की कड़ी भर्त्सना की है.

रिहाई मंच अध्यक्ष मुहम्मद शुऐब ने कहा कि योगी जी के स्वागत के लिए अगर दलितों को साबुन बांटा जाता है और वही दलित जब खुद योगी जी को साबुन गुजरात से देने के लिए यूपी आते हैं तो उन्हें झांसी से गिरफ्तार कर लिया जाता है. वहीं दलितों की दशा-दिशा पर जब वो चिंतन करना चाहते हैं तो उनकी गिरफ्तारी. ये साफ करता है कि ये सरकार दलितों की प्रतिरोधी आवाजों को पुलिस के बल पर दबाना चाहती है.

उन्होंने बताया कि बुंदेलखंड दलित अधिकार मंच व डायनामिक एक्शन ग्रुप ने ज्वलन्त समस्याओं पर एक कार्यक्रम यूपी प्रेस क्लब लखनऊ में रखा था. कार्यक्रम आरंभ होने से पहले ही यूपी प्रेस क्लब को पुलिस ने चारों तरफ से कब्जा कर छावनी में तब्दील कर दिया था. जैसे ही लगभग बारह बजे लोग पहुँचे पुलिस 8 लोगों को वहाँ से उठा ले गयी और ले जाकर पुलिस लाइन नजर बंद कर दिया. पुलिस लाइन से शाम 5 बजे एस आर दारापुरी , प्रोफ़ेसर रमेश दीक्षित, रामकुमार, आशीष अवस्थी, कुलदीप बौद्ध, पी सी कुरील, डी के यादव और के के वत्स को निजी मुचलके पर रिहा किया गया।

इस लोकतंत्र विरोधी कार्रवाई के लिए योगी सरकार, पुलिस प्रशासन-शासन की जितनी भी भर्त्सना की जाए कम है।


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