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सरकारी अध्यापक ही उड़ा रहे हैं सरकारी नियमों की धज्जियां

सरकार सरकारी स्कूलों की गिरती साख को बचाने के लिए नए नए नियमों को लागू कर सरकारी स्कूलों की दशा सुधारने के लिए प्रयासरत है

सरकारी अध्यापक ही उड़ा रहे हैं सरकारी नियमों की धज्जियां
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पलवल। सरकार सरकारी स्कूलों की गिरती साख को बचाने के लिए नए नए नियमों को लागू कर सरकारी स्कूलों की दशा सुधारने के लिए प्रयासरत है, तो दूसरी तरफ वहीं सरकारी अध्यापक ही सरकारी नियमों की धज्जियां उड़ा रहे हैं। जिसका प्रत्यक्ष प्रमाण गुरुवार को हथीन के ऐतिहासिक गांव रुपडाका का प्रकाश में आया है। रुपडाका गांव स्थित हाई व प्राईमरी स्कूल दोनों ही साथ है। हाई स्कूल में लगभग 375 बच्चें और प्राईमरी स्कूल में लगभग 350 बच्चें शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं।

दोनों ही स्कूलों के अध्यापकों की लापरवाही का आलम यह है कि दोपहर एक बजे ही स्कूल बंद कर चलते बने। जबकि स्कूल का समय सुबह 8 बजे से दोपहर ढाई बजे तक का है। स्कूल दोपहर एक बजे बंद कर घर चले जाने का रहस्योद्घाटन एक सरकारी अधिकारी ने अपना नाम न छापने की शर्त पर करते हुए बताया कि मैं स्वंय दोपहर करीब पौने दो बजे जब उस स्कूल में गया तो स्कूल में एक भी न तो अध्यापक ही मिला और न ही बच्चा। मिला तो केवल स्कूल का चौकीदार और उसकी पत्नी।

स्कूल चौकीदार ने बताया कि स्कूल की छुट्टी किए हुए आधा घंटे से ज्यादा समय हो गया है। सभी मास्टर और बालक जा चुके हैं। इस पर उक्त सरकारी अधिकारी ने लघु सचिवालय हथीन स्थित खंड शिक्षा अधिकारी कार्यालय में मौजूद एबीआरसी को अवगत कराया। बताया जाता है कि एबीआरसी ने इस बारे में चौकीदार से संपर्क कर पुष्टि की तो चौकीदार ने एबीआरसी को बताया कि स्कूल की छुट्टी कर मास्टर जा चुके हैं। सूत्रों से पता चला है कि इसकी भनक दोनों स्कूलों के मुखियाओं को भी लग गई।

इस संदर्भ में जब संवाददाता ने दोपहर 3 बजे के करीब हाई स्कूल के मुख्याध्यापक ओमबीर से संपर्क साधकर पुष्टि करनी चाही तो ओमबीर ने बताया कि मैं अभी भी स्कूल में ही हूं, करीब सवा डेढ़ बजे मैं सिंडिकेट बैंक उटावड स्कूल के कार्य से गया था और सवा 2 बजे वापिस स्कूल आ गया और अब हथीन साईबर कैफे पर जाऊंगा। जहां मुझे बच्चों के एडमिशन ऑनलाईन चढ़वाने हैं। जबकि वहीं प्राईमरी स्कूल के मुख्यााध्यापक ईसाक से संपर्क साधकर पूछा तो उन्होंने हाई सकूल केे मुख्याध्यापक ओमबी के सवा 2 बजे स्कूल में आने का खंडन करते हुए साफ कहा कि ओमबीर सवा 2 बजे नहीं बल्कि ढाई पौने तीन बजे स्कूल में आया था। जिससे हाई स्कूल के मुख्याध्यापक ओमबीर व प्राईमरी स्कूल के मुख्याध्यापक ईसाक दोनों की बातों में विरोधाभास साफ नजर आते है।


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