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संकट के समय भी सरकार महज अमीरों के साथ खड़ी है : मायावती

बहुजन समाज पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती ने केंद्र और राज्य सरकारों पर निशाना साधा और कहा कि बड़े संकट की इस घड़ी में भी सरकार महज अमीरों के साथ ही खड़ी दिख रही है

संकट के समय भी सरकार महज अमीरों के साथ खड़ी है : मायावती
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लखनऊ। बहुजन समाज पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती ने केंद्र और राज्य सरकारों पर निशाना साधा और कहा कि बड़े संकट की इस घड़ी में भी सरकार महज अमीरों के साथ ही खड़ी दिख रही है। मायावती ने शुक्रवार को अपने जारी बयान में कहा, "हमारा देश भी कोरोना के कहर से काफी पीड़ित है। अभी इसका कोई निदान न होते देख जनता काफी दुखी है। इनमें भी गरीब तथा मजदूर सबसे ज्यादा दुखी हैं। इनको तो आगे का कोई रास्ता भी नहीं दिख रहा है। अब गरीबों को रोजी-रोटी नहीं मिल रही है। इसके साथ ही प्रवासी लोग बहुत परेशान हैं। संकट के इस समय सरकार सिर्फ अमीरों के साथ खड़ी नजर आ रही है।"

बसपा प्रमुख ने कहा कि इस संकटकाल में भी राज्य सरकारें गलत व्यवहार कर रही हैं। क्वारंटाइन सेंटर में रहने के साथ ही खाने की व्यवस्था नहीं की गई है। केंद्र के साथ राज्य सरकारें भी हर जगह पर पूंजीवादी समर्थक रवैया अपना रही हैं।

उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र के औरंगाबाद में 19 प्रवासी मजदूरों की मौत की घटना बेहद दुखद है। यह काफी विचलित करने वाली घटना है।

मायावती ने कहा, "इन सभी को जब कोई रास्ता नहीं दिखा तो रेल की पटरी पकड़कर अपने घर जा रहे थे। रास्ते में इनको कहीं पर भी रोका नहीं गया। यह तो बड़ी लापरवाही है। इस घटना से मैं और पार्टी बहुत दुखी है। औरंगाबाद की यह घटना सरकारों की लापरवाही का बड़ा नतीजा है।"

उन्होंने कहा कि केंद्र के साथ ही राज्य सरकार इस घटना को गंभीरता से ले। सरकार किस दिन काम आएगी।

मायावती ने कहा कि सरकार का काम है कि प्रवासी मजदूरों को मुफ्त घर पहुंचाए। मजदूरों से अमानवीय व्यवहार न करे। मगर मजदूरों से क्रूरता से किराया वसूला जा रहा है। केंद्र के साथ ही राज्य सरकारें भी सिर्फ अमीरों के लिए दयावान बनी हुई हैं। सरकारें अमीरों के बच्चों के लिए मेहरबान हैं। अमीरों को लाने के लिए सरकारें विदेश में हवाई जहाज भेज रही हैं।

मायावती ने कहा, "हमको पता चला है कि कई प्रदेशों में फैक्ट्री वालों ने मजदूरों को निकाल दिया है। इसके बाद वे बेकार होने के कारण पैदल ही घरों की ओर चल पड़े हैं। सिर्फ उनसे अनुरोध करने से काम नहीं चलेगा, जहां भी कोई गरीब या मजदूर हाईवे पर पैदल चलता दिखे, उसको वहीं पर रोका जाए और खाने-पीने के साथ ही घर तक पहुंचाने का इंतजाम किया जाए।"

उन्होंने कहा कि किसी भी सरकार को गरीब-मजदूर नजर नहीं आ रहे हैं। लॉकडाउन की घोषणा करने से पहले सभी को कुछ समय देना चाहिए था।

मायावती ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पर भी निशाना साधा। उन्होंने कहा कि केजरीवाल ने गरीबों को खाना नहीं खिलाया। केजरीवाल तो लगातार सिर्फ मीडिया में बोल रहे हैं। इस संकट की घड़ी में भी गरीब व मजदूरों के लिए उनका काम कहीं दिख नहीं रहा है।


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