सूचना अधिकार पर सरकार ने हाईकोर्ट में जवाब के लिए समय मांगा
ब्लाक स्तर के सभी अधिकारियों को लोक सूचना अधिकारी बना देने का मामला

बिलासपुर। हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस पीआर रामचंद्रन मेनन और जस्टिस पीपी साहू की डिवीजन बेंच ने सूचना के अधिकार के मामले में छत्तीसगढ़ सूचना आयोग तथा राज्य शासन को नोटिस जारी कर 4 सप्ताह में जवाब देने कहा था। राज्य शासन की ओर से जवाब के लिए अगले मंगलवार तक का समय मांगा गया। कोर्ट ने मामले की अगली सुनवाई 4 सप्ताह बाद रखी गई है। छत्तीसगढ़ में ब्लॉक स्तर तक के प्रत्येक कार्यालय को सूचना के अधिकार के तहत लोक प्राधिकारी मानने के आदेश तथा उस आदेश को सूचना आयोग द्वारा उचित ठहराने को हाईकोर्ट में चुनौती दी गई है।
रायपुर निवासी नितिन सिंघवी ने रिट याचिका दायर कर कोर्ट को बताया कि सामान्य प्रशासन विभाग ने छत्तीसगढ़ के सूचना का अधिकार अधिनियम के तहत ब्लॉक स्तर तक के प्रत्येक कार्यालय को लोक प्राधिकारी घोषित कर दिया। बाद में सूचना आयुक्त ने भी सामान्य प्रशासन विभाग के आदेश को सही बताते हुए राज्य के ब्लॉक स्तर तक के प्रत्येक कार्यालय को लोक प्राधिकारी घोषित कर उसी कार्यालय में आवेदन लगाने के लिए आदेशित किया जहां से सूचना उपलब्ध हो। पूरे प्रदेश में ब्लाक स्तर तक दसों हजार कार्यालय हैं ऐसे में राज्य सूचना आयोग तथा सामान्य प्रशासन विभाग के आदेश के बाद पूरे प्रदेश में अव्यवस्था का आलम हो गया है।
आवेदक को सोचना पड़ता है कि सूचना प्रदेश के ब्लॉक स्तर तक के किस कार्यालय में है तथा आवेदन कहां लगाएं,जबकि सूचना का अधिकार अधिनियम के प्रावधानों के अनुसार विभाग प्रमुख ही लोक प्राधिकारी होता है। ऐसे में आवेदक छत्तीसगढ़ में किसी विभाग के ब्लॉक स्तर तक के किसी भी कार्यालय में आवेदन लगाकर उसी विभाग के दूसरे कार्यालय की जानकारी प्राप्त कर सकता है। जैसे कि सिंचाई विभाग बीजापुर में आवेदक आवेदन लगाकर सिंचाई विभाग सरगुजा की जानकारी प्राप्त कर सकता है। ऐसे में बीजापुर के जन सूचना अधिकारी को उसी के सरगुजा कार्यालय से जानकारी बुलाकर आवेदक को देनी पड़ेगी। अगर उसी विभाग के किसी ब्लॉक स्तर के कार्यालय में सूचना हो तो वहां से बुला करके देनी पड़ेगी।
याचिका में यह भी बताया गया कि संभाग स्तर या जिला स्तर के नीचे के कार्यालय में सिर्फ सहायक जन सूचना अधिकारी ही रह सकते हैं जो सिर्फ आवेदन की पावती दे सकते हैं। परंतु सामान्य प्रशासन विभाग के आदेश के बाद ब्लॉक स्तर के अधिकारी सूचना के अधिकार के तहत अब लोक प्राधिकारी बन गए हैं तथा लोक प्राधिकारी और जन सूचना अधिकारी बनकर कार्य कर रहे हैं।


