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सैन्य कार्रवाई के दौरान विमान गिरने की बात नकारना सरकार को बंद करना चाहिए : कांग्रेस

कांग्रेस ने कहा है कि पार्टी नेता राहुल गांधी के पाकिस्तान के खिलाफ सैन्य कार्रवाई के दौरान हमारे लड़ाकू विमान गिरने की बात को भले ही सरकार नकारती रही है, लेकिन अब तो खुद रक्षा प्रमुख (सीडीएस) जनरल अनिल चौहान तथा अन्य वायु सेना अधिकारी साफ इशारा कर चुके हैं कि पाकिस्तान के साथ कार्रवाई के दौरान हमारे विमान गिरे हैं तो सरकार को इस बारे में स्पष्ट जानकारी देनी चाहिए

सैन्य कार्रवाई के दौरान विमान गिरने की बात नकारना सरकार को बंद करना चाहिए : कांग्रेस
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नई दिल्ली। कांग्रेस ने कहा है कि पार्टी नेता राहुल गांधी के पाकिस्तान के खिलाफ सैन्य कार्रवाई के दौरान हमारे लड़ाकू विमान गिरने की बात को भले ही सरकार नकारती रही है, लेकिन अब तो खुद रक्षा प्रमुख (सीडीएस) जनरल अनिल चौहान तथा अन्य वायु सेना अधिकारी साफ इशारा कर चुके हैं कि पाकिस्तान के साथ कार्रवाई के दौरान हमारे विमान गिरे हैं तो सरकार को इस बारे में स्पष्ट जानकारी देनी चाहिए।

कांग्रेस की तेलंगाना सरकार में मंत्री, पूर्व सांसद तथा वायु सेना फाइटर पायलट रहे उत्तम कुमार रेड्डी ने शनिवार को यहां पार्टी मुख्यालय में संवाददाता सम्मेलन में पत्रकारों के सवालों के जवाब में कहा कि लड़ाकू विमानों के गिरने की बात भले ही सरकार बराबर नकार रही है, लेकिन रक्षा प्रमुख तथा वायु सेना के अधिकारी इशारा कर चुके हैं कि विमान गिरे हैं तो सरकार को इसे नकारना अब बंद कर देना चाहिए।

उन्होंने कहा “सीडीएस ने खुद इसका जिक्र किया। इससे पहले एयर मार्शल भारती ने डीजीएमओ के साथ अपनी ब्रीफिंग में इसका अप्रत्यक्ष रूप से जिक्र किया था। उन्होंने खास तौर पर कहा, ‘लड़ाई में नुकसान होना आम बात है। मिशन का उद्देश्य पूरा हो गया है और सभी पायलट घर वापस आ गए हैं।’ कांग्रेस पार्टी अपने सशस्त्र बलों के हर प्रयास का समर्थन करती है और उन्हें बधाई देती है। हमारे सशस्त्र बलों ने शानदार काम किया है और हमें उन पर गर्व है और हम उन्हें सलाम करते हैं।”

कांग्रेस नेता ने कहा कि विमानों के गिरने को लेकर सीडीएस जनरल चौहान का बयान महत्वपूर्ण है। यही बात लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी लगतार कह रहे हैं, लेकिन भाजपा ने उनके इस बयान के खिलाफ बहुत सारे नकारात्मक अभियान चलाए थे।

उन्होंने कहा, “पूरे देश को आज यह एहसास होना चाहिए कि कार्रवाई के दौरान जो कुछ भी हुआ सरकार ने उसके बारे में खुलकर बात नहीं की। भारत सरकार को इस पर पुनर्विचार करने की जरूरत है कि चार दिनों के ऑपरेशन में ज्यादातर फायरिंग अपनी अंतरराष्ट्रीय सीमाओं के भीतर से की गई थी फिर भी हमने अपने विमान खो दिए। इसके लिए प्रौद्योगिकी के गंभीर पुनर्मूल्यांकन की आवश्यकता है ताकि सबक सीखा जा सके और हम उन पहलुओं में सुधार कर सकें।”

अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के सैन्य कार्रवाई रोकने संबंधी ट्वीट पर कांग्रेस नेता ने कहा कि सरकार को यह भी स्पष्ट करना चाहिए कि ट्रम्प ने पहले ट्वीट के माध्यम से सैन्य कार्रवाई रोकने की घोषणा कैसे की। फिर सैन्य संचालन महानिदेशक (डीजीएमओ) पाकिस्तान ने डीजीएमओ भारत को फोन कर दिया और सैन्य कार्रवाई पर सहमति बन गई। इस मुद्दों का खुलासा सरकार को करना चाहिए और पहलगाम हमले के बाद की घटना पर उसे अधिक पारदर्शी तरीके से देश को बताना चाहिए।

जयराम रमेश ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट एक्स पर एक वीडियो शेयर कर लिखा कि 29 जुलाई 1999 को, करगिल युद्ध समाप्त होने के महज तीन दिन बाद, वाजपेयी सरकार ने देश के सामरिक मामलों के विशेषज्ञ के. सुब्रह्मण्यम की अध्यक्षता में करगिल समीक्षा समिति गठित की थी -जिनके पुत्र आज भारत के विदेश मंत्री हैं।

इस समिति ने पाँच महीने बाद अपनी विस्तृत रिपोर्ट सौंपी। यह रिपोर्ट - जिसका शीर्षक था ‘From Surprise to Reckoning’ - इस रिपोर्ट को आवश्यक संशोधनों के बाद 23 फरवरी 2000 को संसद के दोनों सदनों के पटल पर रखी गई थी।

क्या मोदी सरकार अब सिंगापुर में चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ द्वारा किए गए खुलासे के मद्देनज़र वैसा ही कोई कदम उठाएगी?


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